छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 21 सितम्बर 2023। नासिक जिले के कृषि उपज व्यापार समितियों ने नीलामी निलंबित कर दी है। व्यापारियों की नाराजगी इस बार सरकार के फैसले के कारण है। प्याज व्यापारियों का कहना है कि अनिश्चितकाल तक विरोध जारी रहेगा। विरोध के कारण आशंका है कि खाद्य पदार्थों की कमी हो सकती है और एक बार फिर कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी।
नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ (एनडीओटीए) के एक पदाधिकारी ने बताया कि वे केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में हैं। दरअसल, केंद्र ने हाल ही में 31 दिसंबर तक प्याज पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया था। हालांकि, प्रशासन हड़ताल के खिलाफ सख्त नजर आ रहा है। नासिक उप-रजिस्ट्रार ने सहकारी समितियों के खिलाफ बुधवार रात आदेश जारी किया है। आदेश में अधिकारी ने आदेशित किया है कि हड़ताली व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित या रद्द किए जाएं और 21 सितंबर को हुई घटना की रिपोर्ट सौंपे। इसके अलावा, महाराष्ट्र के विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी प्याज की नीलामी बंद करने के फैसले को गलत ठहराया है।
फैसले के कारण किसानों को भी नुकसान
समिति के पदाधिकारी ने बताया कि निर्यात शुल्क बढ़ोतरी के फैसले का हमने विरोध किया है। हमने नासिक के सभी एपीएमसी में प्याज की नीलामी अनिश्चितकाल तक बंद करने का फैसला किया है। केंद्र के फैसले के कारण प्याज का निर्यात मुश्किल हो जाएगा। किसानों को भी इसके कारण भारी नुकसान झेलना पड़ जाएगा। हमने अपनी मांगों के समाधान के लिए सरकार को 19 सितंबर तक का वक्त दिया था। हमारी मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई, जिस वजह से हमने बंद का फैसला किया है।
मंत्री ने आंदोलन स्थागित करने का किया आग्रह
सरकारी आदेश की मानें तो नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष खंडू देवरे ने 13 सितंबर को मंत्री अब्दुल सत्तार को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में चार मांगों का उल्लेख किया था। हालांकि, पत्र में किसी प्रकार की चेतावनी नहीं दी गई थी। समाधान के लिए और खंडू की मांगों पर चर्चा करने के लिए मंत्री ने 26 सितंबर को मार्केटिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की है। मंत्री ने व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वे आंदोलन स्थगित कर दें और नीलामी प्रक्रिया शुरू करें।