पैसे देने पर भी केंद्र राज्य को 3.5 लाख गठान बारदाना क्यों नहीं दे रहा?
भाजपा के राज्य के नेता केंद्र से छत्तीसगढ़ की धान खरीदी बाधित करवा रहे
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 18 सितंबर 2023। कांग्रेस ने मांग किया कि राज्य से लेने वाले सेंट्रल पुल के चावल के कोटे के केंद्र द्वारा की गयी कटौती पर भाजपा जवाब दे। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस वर्ष केंद्र सरकार ने राज्य से 86 लाख टन चावल लेने का एमओयू किया था लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का निर्णय लिया केंद्र सरकार ने राज्य के चावल लेने के एमओयू में संशोधन करते हुये 86 लाख मीट्रिक टन को घटाकर 61 लाख कर दिया। केंद्र ने यह निर्णय छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं के कहने पर लिया है ताकि राज्य के किसानों के धान की खरीदी सुचारू रूप से न हो पाये। केंद्र के द्वारा छत्तीसगढ़ से चावल लेने के कोटे को घटाने का कोई आधार नहीं है। केंद्र के पास चावल का पर्याप्त भंडार भी नहीं है। हाल ही में कर्नाटका सरकार द्वारा 35 लाख टन चावल केंद्र से खरीदने के प्रस्ताव को केंद्र ने यह कहकर मना कर दिया कि उसके पास चावल का स्टॉक नहीं है। जब चावल का स्टॉक नहीं है तब केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से चावल खरीदने में कटौती क्यों किया? भाजपा नेता जवाब दें।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस वर्ष भूपेश सरकार ने 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। इस साल से किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी की जायेगी। जब ज्यादा धान की खरीदी होगी तो स्वाभाविक है कि उसको रखने के लिये बारदानों की आवश्यकता भी ज्यादा होगी लेकिन केंद्र ने पूरा भुगतान करने के बाद भी राज्य को धान खरीदी के लिये जरूरी 3.5 लाख गठान बारदानों की संख्या में कटौती करके 2.45 लाख गठान बारदाने देने की स्वीकृति दिया है। यह कटौती क्यों की गयी? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ने कहा कि चावल खरीदने में कटौती के बाद बारदानों में कटौती भाजपा की केंद्र सरकार की बदनीयती और छत्तीसगढ़ के प्रति सौतेले रवैये को दिखता है केंद्र कितना भी षड़यंत्र कर ले कांग्रेस सरकार अपने दम पर किसानों का पूरा 20 क्विंटल धान भरपूर कीमत देकर खरीदेगी। केंद्र चाहे 1 गठान भी बारदाना न दे या एक किलो चावल भी न खरीदे। छत्तीसगढ़ में 125 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होगी। कांग्रेस का लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है तथा आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ का किसान 3600 रू. धान की कीमत प्राप्त करेगा।