छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पुणे 18 सितम्बर 2023। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि केजी में पढ़ने वाले बच्चों से शैक्षिक कवायद के तहत उनके लिंग के बारे में सवाल करना, वामपंथी इकोसिस्टम का हमला है। पुणे में एक किताब के विमोचन के अवसर पर मोहन भागवत ने ये बातें कही। मोहन भागवत ने मराठी की किताब ‘जागला पोखरनारी दावी वालवी’ का विमोचन किया। इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि ‘मैं गुजरात के एक स्कूल गया था, जहां एक संत ने मुझे किंडरगार्डन स्कूल का एक निर्देश दिखाया। इस निर्देश में शिक्षकों को निर्देश दिया गया था वह यह पता लगाएं कि क्या केजी-2 कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अपने निजी अंगों के नाम जानते हैं या नहीं। संघ प्रमुख ने कहा कि अब वामपंथी हमला यहां तक पहुंच गया है और बिना लोगों की मदद के ये संभव नहीं है।’ भागवत ने कहा कि इस तरह के हमले हमारी संस्कृति की सभी शुभ चीजों पर किए जा रहे हैं।
संघ प्रमुख ने अमेरिका का दिया उदाहरण
अमेरिका के वामपंथी शासन का उदाहरण देते हुए मोहन भागवत ने कहा कि ‘अमेरिका में (डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के बाद) नई सरकार बनने के बाद पहला आदेश स्कूल से संबंधित था, जिसमें शिक्षकों को कहा गया कि वे विद्यार्थियों से उनके लिंग के बारे में बात न करें। छात्र खुद अपने लिंग के बारे में तय करने में सक्षम होने चाहिए, अगर कोई लड़का कहता कि वह आज से लड़की है तो उस लड़के को महिला शौचालय में जाने की इजाजत दी जानी चाहिए। ऐसे में उनकी संस्कृति क्यों नहीं खराब होगी।
‘वामपंथी अहंकारी होते हैं’
अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि ‘वामपंथी लोग अहंकारी और अपनी दुष्ट प्रवृत्ति पर बहुत ज्यादा गर्व करते हैं। वामपंथियों के पास लोगों का समर्थन नहीं है लेकिन उनके पास पैसे की ताकत है और उनका वामपंथी इकोसिस्टम अभी भी बढ़ रहा है और हम इस मामले में उनसे पिछड़ रहे हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि हमें दुनिया के बारे में पैदा किए गए उनके भ्रम को दूर करने की जरूरत है और यह किताब वही काम कर रही है।