छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 1 दिसंबर 2020। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को आंदोलन और तेज होता जा रहा है। देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने किसानों को अपना समर्थन दिया है। तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान दिल्ली से सटी सीमाओं पर पिछले छह दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। राहुल ने कहा है कि अन्नदाता सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन झूठ टीवी पर भाषण।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा – ‘अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।’
अन्नदाता आवाज उठाता है तो पूरे देश में गूंजती है आवाज
इससे पहले, सोमवार को राहुल ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा, जब हमारे अन्नदाता किसान अपनी आवाज उठाते हैं तो यह आवाज पूरे देश में गूंजती है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार ने किसानों पर अत्याचार किए। पहले काले कानून लाए फिर डंडे चलाए। लेकिन, वो भूल गए कि जब किसान आवाज उठाता है तो उसकी आवाज पूरे देश में गूंजती है। किसानों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ आप भी ‘स्पीकअप फॉर फार्मर्स’ अभियान के माध्यम से जुड़िए।’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘देश का किसान काले कृषि कानूनों के खिलाफ ठंड में, अपना घर-खेत छोड़कर दिल्ली तक आ पहुंचा है। सत्य और असत्य की लड़ाई में आप किसके साथ खड़े हैं, अन्नदाता किसान या प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्र?’ उन्होंने कहा कि यदि ये कानून किसानों के हित में हैं तो किसान सड़कों पर क्यों हैं?’
कृषि मंत्री और किसानों के बीच आज होगी बातचीत
वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ छह दिन से दिल्ली सीमा पर डटे किसानों को सरकार ने आज दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन में बातचीत के लिए बुलाया है। इससे पहले किसानों ने कहा कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं। अपने हक में फैसला लेने के बाद ही लौटेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी व सर्दी का हवाला देते हुए तीन दिसंबर की जगह मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
गौरतलब है कि हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले छह दिनों से धरने पर हैं। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनका यह धरना मंगलवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया। इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।