छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
भुवनेश्वर 15 जुलाई 2023। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे को लेकर भुवनेश्वर की एक विशेष अदालत ने तीन आरोपी रेलवे अधिकारियों को ज्यूडीशियल कस्टडी में भेज दिया है।सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार को 7 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
स्पेशल कोर्ट ने तीनों को पांच दिन की सीबीआई रिमांड में भेजा था। 11 जुलाई को तीनों की रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी गई आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 201 (सबूत मिटाने) और रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत केस दर्ज किया गया है। तीनों की सीबीआई रिमांड शुक्रवार को खत्म हो गई थी, जिसके बाद उन्हें सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
12 जुलाई को रेलवे ने 7 अफसरों को सस्पेंड किया था
2 जून को बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए रेल हादसे में 293 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। रेलवे ने 12 जुलाई को 7 अफसरों को सस्पेंड कर दिया था। इनमें गिरफ्तार होने वाले 3 रेलकर्मी भी शामिल थे। साउथ ईस्टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि अगर ये अधिकारी सतर्क होते तो हादसा नहीं होता।
बालासोर हादसे की वजह सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी
हादसे की जांच सीबीआई कर रही है। एक जांच रेलवे बोर्ड की ओर से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने भी की है। 3 जुलाई को सीआरएस ने 40 पेज की रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी। रिपोर्ट के मुताबिक, लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग की वजह से ऑटोमेटेड सिग्नलिंग सिस्टम में गड़बड़ी हुई। जो हादसे का कारण बनी। क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स में तारों की गलत लेबलिंग के बारे में सालों तक मालूम ही नहीं चला। मेंटेनेंस के दौरान भी इसमें गड़बड़ी हुई है।
सीआरएस रिपोर्ट की बड़ी बातें…
- लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर सारे तार गलत जुड़े थे। उसके चलते ही मेंटेनेंस वर्क के दौरान गड़बड़ी हुई, जिसके चलते गलत फंक्शन इंडिकेट हो रहे थे। इसके बारे में सालों तक पता नहीं चल सका।
- हादसे के लिए सिग्नलिंग डिपार्टमेंट को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। रिपोर्ट में स्टेशन मास्टर का नाम भी है, जो सिग्नलिंग कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी का पता नहीं लगा पाए।
- बालासोर में एक अन्य जगह भी लोकेशन बॉक्स के डायग्राम का इस्तेमाल बहनगा बाजार के लोकेशन बॉक्स के लिए हुआ था। ये एक गलत कदम था, जिसके चलते गलत वायरिंग हुई।
- कोरोमंडल एक्सप्रेस में मेन लाइन के लिए ग्रीन सिग्नल था, जबकि ट्रेन की डायरेक्शन डिसाइड करने वाला सिस्टम गलत तरीके से लूप लाइन की ओर इशारा करता रहा।
- हादसे वाले दिन लेवल क्रॉसिंग पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर को रिप्लेस किया गया था। इस दौरान टर्मिनल पर गलत लेबलिंग के चलते गड़बड़ी हुई थी। ट्रेन को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक तक ले जाने वाले पॉइंट के सर्किट को पहले ही शिफ्ट कर दिया गया था।
- 16 मई 2022 को भी खड़गपुर मंडल के बांकड़ा नयाबाज स्टेशन पर गलत रिंग और तार खराब होने की वजह से एक ऐसी ही घटना हुई थी। तब भी वायरिंग ठीक कर ली जाती तो बालासोर हादसा नहीं होता।