लखीमपुर खीरी: मारे गए किसानों को गोली नहीं लगी, पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा; गलत निकले दावे

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

लखनऊ 05 अक्टूबर 2021। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों को गोली लगने के दावे भी किए जा रहे थे, जो गलत निकले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि किसानों की मौत सदमे और गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि किसानों पर गोलियां भी चलाई गई हैं लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि मारे गए किसानों के शरीर पर गोली के कोई निशान नहीं मिले हैं। मारे गए चार किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किसानों की मौत शॉक लगने से तो किसी हेमरज, ज्यादा खूब बह जाने के कारण हुई है। इसके अलावा पॉस्टमॉर्टम में बड़ा खुलासा यह हुआ है रिपोर्ट में गोली लगने की बात नहीं कही गई है। हिंसा में मारे लोगों को पोस्टमॉर्टम सोमवार को किया गया था।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में रविवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।  उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बनबीरपुर दौरे के विरोध में किसान घटनास्थल पर इकट्ठा हुए थे।

चार किसानों की पहचान नक्षत्र सिंह (55), दलजीत सिंह (35), लवप्रीत सिंह (20) और गुरवेंद्र सिंह (18) के रूप में हुई, क्योंकि वाहनों ने तिकुनिया-बनबीरपुर मार्ग पर प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खेमे से चार अन्य मौतों की सूचना मिली थी। वे एक कार में यात्रा कर रहे थे और प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उन्हें कार से खींच लिया और पीट-पीट कर मार डाला।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और उनके गुंडों पर गाड़ी चढ़ा कर किसानों की हत्या किये जाने का आरोप लगा है। जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि गाड़ी चढ़ाने के बाद टेनी के बेटे गोली भी चलाई लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने नहीं आई है। किसानों की मौत के बाद इलाके में लगाता प्रदर्शन हो रहे हैं। इलाके का इंटरनेट भी बंद कर दिया था और धारा 14 4लागू कर दी गई थी। तमाम नेताओं को भी घटनास्थल पर जाने से रोका जा रहा था। सोमवार को प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हो गया था। जिसमें तय किया गया कि हिंसा में मारे गए चारों किसानों के परिवार को 45-45 लाख रूपये का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।

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