छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 28 दिसंबर 2024। महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि वे पार्टी विधायक सुरेश धास से कहेंगे कि वे बीड सरपंच की हत्या के मामले में सार्वजनिक बयानबाजी न करें। दरअसल धास ने बीड सरपंच की हत्या के मामले में अपरोक्ष रूप से एनसीपी विधायक धनंजय मुंडे पर आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र की महायुति सरकार में भाजपा, एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन है। ऐसे में भाजपा विधायक द्वारा बयानबाजी से राजनीति गरमा गई है। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या कर दी गई थी। इस पर आष्टी सीट से भाजपा विधायक सुरेश धास ने धनंजय मुंडे का नाम लिए बगैर उनकी आलोचना की। भाजपा विधायक ने दावा किया कि हत्या मामले के मुख्य आरोपी एनसीपी विधायक धनंजय मुंडे से अपने संबंधों के कारण गिरफ्तारी से बच रहे हैं। इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में आश्वासन दिया है कि इस हत्या मामले में दोषियों को उनके राजनीतिक संबंधों की परवाह किए बिना न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
बावनकुले ने कहा, ‘मैं सुरेश धास से कहूंगा कि उनके पास जो भी जानकारी है, उसे सार्वजनिक करने के बजाय सीधे मुख्यमंत्री से साझा करें। मैं उनसे कहूंगा कि वे ऐसी कोई टिप्पणी न करें जिससे जांच में बाधा आए।’ बावनकुले 12 जनवरी को होने वाले राज्य स्तरीय भाजपा सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अहिल्यानगर जिले के शिरडी के दौरे पर थे। भाजपा नेता ने कहा, ‘भाजपा सम्मेलन के लिए 15,000 प्रतिनिधि शिरडी में जुटेंगे, जिसका उद्घाटन जेपी नड्डा करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समापन भाषण देंगे।’
हत्या के मामले चार लोग गिरफ्तार
पुलिस ने अब तक सरपंच की हत्या के सिलसिले में अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के पूर्व तहसील प्रमुख विष्णु चाटे सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। पुलिस तीन अन्य लोगों की तलाश कर रही है, जिन्हें 9 दिसंबर को देशमुख का अपहरण करने और उनकी बेरहमी से हत्या करने के लिए वांछित आरोपी बनाया गया है। वांछित लोगों में बीड निवासी वाल्मिक कराड भी शामिल है, जो कथित तौर पर एनसीपी मंत्री और परली विधायक धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है।
घटना पर राजनीति की ये है वजह
पुलिस के अनुसार, देशमुख की हत्या प्रथम दृष्टया इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने बीड जिले में एक पवन चक्की कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली का विरोध किया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी विष्णु चाटे ने कथित तौर पर जिले में पवन चक्की लगाने वाली एक ऊर्जा कंपनी से 2 करोड़ रुपये की मांग की थी और मांग पूरी न होने पर काम बंद कराने की धमकी दी थी। देशमुख ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी, जिसके कारण आशंका है कि उनका अपहरण कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि ऊर्जा कंपनी की शिकायत पर चाटे, कराड और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया है। देशमुख की हत्या के बाद पूरे बीड में विरोध प्रदर्शन हुए और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी चर्चा है। इस मुद्दे पर राजनीति का एक और कारण ये है कि मृतक संतोष देशमुख मराठा समुदाय से हैं, जबकि आरोपी विष्णु चाटे और दो अन्य वंजारी समुदाय से हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हिस्सा है। विपक्ष पहले ही महायुति सरकार में मराठा समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगा चुका है।