छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
भोपाल 04 जून 2023। मध्यप्रदेश में पिछले दिनों दमोह के एक प्राइवेट स्कूल में छात्राओं को हिजाब पहनाने को लेकर मामला गर्माया हुआ था। इसे लेकर मुख्यमंत्री, गृहमंत्री समेत कई नेताओं के द्वारा सियासी बयानबाजी भी चल रही थीं। इसी बीच प्रदेश लाडली बहना योजना के प्रमाण पत्र बांटने खंडवा पहुंचीं खंडवा जिले की प्रभारी मंत्री उषा ठाकुर ने भी इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और गृह मंत्री के संज्ञान में यह पूरा मामला है। इसको लेकर सख्त निर्देश भी दे दिए गए हैं। मंत्री ने साफ कहा कि हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता है, जो हमारे स्कूल यूनिफॉर्म हैं, वही सर्वमान्य होंगे। कोई धर्म विशेष की पहचान यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।
भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने खंडवा में लाडली बहना योजना के प्रमाण पत्र बांटे। लाडली बहन को मंत्री उषा ठाकुर ने तिलक लगाकर पुष्प माला पहनकर उनकी आरती भी उतारी। उन्होंने लाडली बहना से कहा कि आज वे स्वागत कराने नहीं बल्कि लाडली बहन का स्वागत करने आई हैं। इसके बाद बहनों को मिठाई खिलाते हुए प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस दौरान मंत्री ठाकुर ने कहा बहनों आप सभी को चिंता करने की जरूरत नहीं, आप की चिंता आपका भाई प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज और भाजपा सरकार कर रही है।
मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री उषा ठाकुर ने दमोह के स्कूल में हिजाब के मामले को लेकर कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के संज्ञान में पूरा विषय है। इसको लेकर सख्त निर्देश भी दे दिए गए हैं। हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। मंत्री उषा ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या मध्यप्रदेश में हिजाब को लेकर कोई कानून बनाने की जरूरत है तो उन्होंने कहा जो हमारे स्कूल यूनिफॉर्म है वही सर्वमान्य होंगे। कोई धर्म विशेष की पहचान यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।
गंगा-जमुना स्कूल से उठा था मुद्दा
बता दें कि दमोह के गंगा-जमुना स्कूल के एक पोस्टर पर हिंदू लड़कियों का हिजाब वाला फोटो छापने के बाद यह विवाद सामने आया था। इसमें पहले तो स्थानीय स्तर पर क्लीन चिट मिल गई थी, लेकिन हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक मंच से कहा कि हम प्रदेश में इस तरह का काम नहीं होने देंगे और उन्होंने मंच से ही स्कूल पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए थे, जिसके बाद स्कूल की मान्यता भी रद्द कर दी गई।