छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 21 सितम्बर 2021। ब्रिटेन ने अपने कोविड-19 यातायात नियमों में बदलाव किए हैं लेकिन इसके साथ ही एक नए विवाद को जन्म भी दे दिया है। ब्रिटेन पर आरोप लग रहे हैं कि वह भारत के साथ भेदभा कर रहा है। ब्रिटेन सरकार पर अब भारत से आने वाले यात्रियों के लिए तय नियमों समीक्षा करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिटेन ने नए नियमों के तहत ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन लेने वालों को टीका लिया हुआ नहीं माना जाएगा, जबकि ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पाए लोगों को मान्यता दी गई है।
ब्रिटेन में मौजूदा ट्रैवल नियम क्या हैं?
ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है। अगर कोई देश रेड लिस्ट में है तो उससे आने वाले यात्री को ब्रिटेन पहुंचने के बाद 10 दिन होटल में क्वारंटीन रहना जरूरी है और यह अवधि खत्म होने से 2 दिन पहले उसे कोरोना जांच भी करानी होती है। जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराक ले ली है, उन्हें भी ये नियम मानने पड़ते हैं। क्वारंटीन नियम का उल्लंघन करने पर 10 हजार पाउंड की पेनल्टी तक चुकानी पड़ती है। इसके अलावा यदि कोई यात्री नेगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट के बिना ब्रिटेन पहुंचता है तो उसपर 5 हजार पाउंड का जुर्माना लगाया जा सकता है।
भारत किस सूची में है?
ब्रिटेन ने भारत को फिलहाल ऐंबर लिस्ट में रखा है। इसका अर्थ है कि यहां से जाने वाले यात्रियों को यात्रा से तीन दिन पहले कोविड-19 जांच करानी होगी। ऐसा न करने की स्थिति में यात्री पर 500 पाउंड का जुर्माना लगाया जाएगा। ब्रिटेन पहुंचने के दूसरे दिन यात्री को फिर से कोरोना जांच करवाना जरूरी है। यात्रा से पहले वाली जांच टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए भी जरूरी है। बस राहत इतनी है कि उन्होंने ब्रिटेन में मान्यता प्राप्त वैक्सीन ली है तो उन्हें क्वारंटीन नहीं होना पड़ेगा। ब्रिटेन में मॉडर्ना, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन और ऐस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। अगर ऐंबर लिस्ट में शामिल किसी देश के यात्री ने मान्यता प्राप्त वैक्सीन नहीं ली है तो उसे ब्रिटेन पहुंचने पर घर या फिर जहां वह रुकने वाला है, 10 दिनों के लिए क्वारंटीन होना जरूरी है और इस अवधि के खत्म होने से दो दिन पहले ही कोरोना जांच भी करानी होगी।