कृषि राज्य का विषय केंद्र कानून कैसे बना सकती है
‘रात के अंधेरे में काला कानून क्यों लेकर आई सरकार’
’25 लाख करोड़ का व्यवसाय 5 उद्योगपतियों को देने की तैयारी’
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 12 दिसंबर 2020। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन उनकी आजीविका की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ 62 करोड़ ग्रामीण जनता की लड़ाई नहीं है, बल्कि ये संघर्ष उन 120 करोड़ लोगों का है, जो किसानों के खेत खलिहान पर अपनी जिंदगी पालते हैं।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को राजनीतिक कहना अन्नदाता का अपमान है. सुरजेवाला ने कहा कि अगर किसान 14 संशोधन करने को तैयार है तो इस कानून को ही खत्म क्यों नहीं करती है।
आजतक के किसान पंचायत में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसानों को टरकाना और उनसे टकराना बंद करना चाहिए। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कोविड काल में सरकार रात के अंधेरे में इस काले कानून को लेकर क्यों आई। क्या किसी किसान संगठन ने इसकी मांग की थी, क्या किसी राजनीतिक दल ने इसकी मांग की थी. इसका बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का एक भी किसान संगठन बताएं जो इन कृषि कानूनों के पक्ष में हो, सभी संगठन इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, फिर मोदी सरकार इससे इनकार क्यों कर रही है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खेती राज्य का विषय है तो उसपर नरेंद्र मोदी की सरकार कानून कैसे बना सकती है।
कांग्रेस के घोषणापत्रों में मंडी सुधारों का जिक्र रहने पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस बात को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि हम APMC को मजबूत करेंगे। अभी मंडियां 30 से 50 किलोमीटर के दायरे में है, इसे हम नजदीक के गांवों में लाएंगे।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने दावा किया कि कृषि व्यवसाय का पूरे 25 लाख करोड़ का कृषि व्यवसाय देश के 5 उद्योगपतियों को देने की तैयारी हो रही है। क्या कांग्रेस ने कोई ऐसा काला कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले तो इन काले कानूनों को खत्म करे फिर अगर उसे इस पर चर्चा करनी है तो संसद में किसान प्रतिनिधियों और दूसरे राजनीतिक दलों से चर्चा करे।
सुरजेवाला ने कहा कि जब मंडियां खत्म हो जाएंगी तो किसानों को MSP मिलेगा कहां, उन्हें देगा कौन. इन सवालों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि जब MSP पर सरकार अनाज खरीदेगी ही नहीं तो कोटा दुकानों में गरीबों को 2 रुपये किलो चावल मिलेगा कैसे?
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों में 14 संशोधन करने को तैयार है, इसका मतलब ये है कि कानून में गड़बड़ी है, अगर सरकार 14 संशोधन करने को तैयार है तो कानून ही खत्म क्यों नहीं करती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान फसल की उचित कीमत तो चाहते ही हैं, इसके अलावा वे चाहते हैं कि आम आदमी जब आटा चावल और आलू प्याज खरीदने बाजार जाए तो उसे उचित कीमत पर ये चीजें मिलें, उन्होंने कहा कि जब देश के 5 उद्योगपतियों का खेती पर कब्जा होगा तो उन्हें आटा 100 रुपये किलो मिलेगा।
किसान आंदोलन में शरजील इमाम समेत कुछ और लोगों की तस्वीरें दिखने पर सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी सरकार ऐसा कहकर किसानों का अपमान कर रही है। बीजेपी को पहले ये तय करना चाहिए वो इन किसानों को क्या साबित करना चाहते हैं।