प्रथम चरण में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, चंडीगढ़, बेंगलुरु, गुरुग्राम, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे, गांधीनगर, अहमदाबाद और जामनगर शामिल
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 01 अक्टूबर 2022। भारतीय इंटरनेट यूजर्स के लिए 5जी का इंतजार खत्म करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 5जी इंटरनेट सेवाएं लॉन्च कर दी हैं। उन्होंने दिल्ली के प्रगति मैदान में आज 1 अक्टूबर से शुरू हुए इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2022 आयोजन के पहले दिन इन सेवाओं की शुरुआत की। इसके बाद सबसे पहले इंडस्ट्रीज और फिर बाकी यूजर्स के लिए ये 5जी सेवाएं रोलआउट की जाएंगी। लगभग सभी टेलिकॉम कंपनियों ने 5जी रोलआउट के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
आयोजन में शोकेस किए गए 5जी सेवाओं के इस्तेमाल, सॉल्यूशंस और उनसे जुड़ी संभावनाओं के प्रदर्शन में भी प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया और इनके काम करने का तरीका समझा। आईएमसी 2022 आयोजन में 100 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स ने भी हिस्सा लिया है, जो 5जी से जुड़े सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सॉल्यूशंस पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इंटरनेट की 5वीं जेनरेशन के साथ आने वाले बदलावों को समझने के लिए पूरा वक्त लिया और समझा कि अलग-अलग क्षेत्रों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
पहले फेज में इन शहरों में मिलेंगी सेवाएं
दूरसंचार विभाग ने बताया है कि 5जीसेवाओं का फायदा सबसे पहले 13 शहरों में रहने वाले यूजर्स को मिलेगा। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, चंडीगढ़, बेंगलुरु, गुरुग्राम, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे, गांधीनगर, अहमदाबाद और जामनगर शामिल हैं। इन शहरों के बाद साल के आखिर तक बाकी बड़ी शहरों और अगले साल अन्य सर्कल्स में भी 5जी सेवाओं से जुड़ा नेटवर्क तैयार किया जाएगा और इसका फायदा यूजर्स को मिलेगा। हालांकि, अभी केवल 8 शहरों में इनका फायदा मिल रहा है।
4जी के मुकाबले 20 गुना तक ज्यादा स्पीड
बीते दिनों सामने आया है कि भारत में 5जी सेवाएं इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को 4जी के मुकाबले 20 गुना तक तेज इंटरनेट स्पीड का फायदा मिल सकता है और वे 20जीबीपीएस तक स्पीड अनुभव कर सकेंगे। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय ग्राहक 5जी सेवाओं में अपग्रेड के लिए 45 प्रतिशत तक प्रीमियम देने को तैयार हैं। बता दें, देश में 5जी रेडी स्मार्टफोन्स वाले 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।
5जी के जरिए तेज होगी विकास की रफ्तार
संचार से जुड़ी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और मशीन लर्निंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जा सकेगा। नई टेक्नोलॉजी का फायदा सिर्फ इंटरनेट यूजर्स को ही नहीं मिलेगा बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, मैन्युफैक्चरिंग, उद्योग, आपदा प्रबंधन और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जा सकेगा। कई हार्डवेयर सॉल्यूशंस इस टेक्नोलॉजी के रोलआउट के बाद सक्रिय रूप से इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
कंपनियों ने 5जी का इस्तेमाल कर दिखाया
रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल ने 5जी सेवाओं के लॉन्च के बाद इनसे जुड़ी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। जियो ने 5जी की मदद से मुंबई के एक स्कूल टीचर को महाराष्ट्र, गुजरात और उड़ीसा की तीन अलग-अलग लोकेशंस से जोड़ा। जियो ने ऑगमेंटेड रिएलिटी (एआर) और शिक्षा के क्षेत्र में बिना एआर डिवाइस के इसके आसान इस्तेमाल को दिखाया। एयरटेल ने अपने डेमो में दिखाया कि उत्तर प्रदेश की एक लड़की ने कैसे होलोग्राम टेक्नोलॉजी की मदद से सौर मंडल के बारे में समझा और उसका अनुभव कैसा रहा। वोडाफोन-आइडिया ने दिल्ली मेट्रो भूमिगत टनल में काम कर रहे लोगों की सुरक्षा की क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का डेमो दिखाया। कंपनी ने दिखाया कि किस तरह वीआर और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से इन वर्कर्स को रियल-टाइम में मॉनीटर किया जा सकता है।