छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 29 सितंबर 2022। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने 28 सितंबर बुधवार को राजस्थान में चल रहे घमासान पर अपनी बात रखी। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के विधायकों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि गहलोत गुट के विधायकों का पार्टी आलाकमान द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षकों की अवज्ञा करना ‘अनुचित‘ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण‘ है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता विधायकों को कैसे नियंत्रित नहीं कर पाए और ऐसी स्थिति बन गई। सिंह देव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस तरह से राजस्थान में कुछ मंत्रियों और विधायकों ने अनुशासन की सीमा को पार किया, वह अनुचित था।
अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान ही लेता है
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि मीडिया के सामने बोलने के बजाए उन्हें अपनी राय विधायक दल की बैठक में रखना था। कांग्रेस की यह परंपरा रही है कि किसी भी मुद्दे पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान ही लेता है। हमने देखा है कि प्रत्येक विधायक की राय स्वतंत्र रूप से (पार्टी पर्यवेक्षकों द्वारा) मांगी जाती है, लेकिन वे (विधायक) इस प्रक्रिया को खत्म करना चाहते थे और समूह में मिलना चाहते थे जो पार्टी की पारदर्शी और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने गहलोत को लेकर कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी मौजूदगी में राजस्थान में ऐसा संकट कैसे पैदा हो गया।
स्थिति कैसे नियंत्रण से बाहर हो गई?
सिंह देव ने कहा कि मैं इस बात से हैरान था कि गहलोत जैसे नेता के होने के बावजूद ऐसी स्थिति सामने आई। यह (उन्हें अनुशासन में रखना) उनकी जवाबदेही थी। वह पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर रहे थे, फिर (राजस्थान में) स्थिति कैसे नियंत्रण से बाहर हो गई? कैसे 92 विधायक अपना इस्तीफा लेकर विधानसभा अध्यक्ष के निवास पहुंच गए और उन्होंने पार्टी पर्यवेक्षकों के सामने जाने से इनकार कर दिया। यह दुखद, आश्चर्यजनक और अस्वीकार्य है।