छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लखनऊ/रांची/कोलकाता 13 जून 2022। बीते शुक्रवार को नमाज के बाद बर्खास्त भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के नाम पर हुए उपद्रव के मामले में पुलिस ने अब तक 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 316 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, पश्चिम बंगाल के हावड़ा और मुर्शिदाबाद में अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने दूसरे दिन यानी रविवार को भी आरोपियों के “अवैध” घरों को तबाह किया। वहीं, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के बेथुआडहरी रेलवे स्टेशन पर रविवार शाम लोगों के एक समूह ने एक लोकल ट्रेन पर हमला बोल दिया। बताया जा रहा है कि हमले में ट्रेन को काफी नुकसान पहुंचा। साथ ही हिंसा और विरोध की छिटपुट घटनाएं हुईं, जबकि हावड़ा और मुर्शिदाबाद जिलों के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा जारी रही।
उपद्रव के मामले में अब तक 316 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन के नाम पर हुए उपद्रव में पुलिस ने अब तक 316 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे अधिक 92 लोगों को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। वहीं सहारनपुर से 79 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार को नमाज के बाद कुल नौ जिलों में माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी। इसमें प्रयागराज में चार मोटरसाइकिल और एक पीएसी के ट्रक में आग लगा दी थी व एक अन्य मोटर साइकिल को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
वहीं सहारनपुर में दो गाड़ियों को पलट दिया गया था। इस दौरान 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिसमें प्रयागराज में तीन पुलिसकर्मी और पुलिस व प्रशासन के अधिकारी घायल हो गए थे। अम्बेडकरनगर में उपद्रव के दौरान आठ पुलिसकर्मी और मुरादाबाद में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इन मामलों में कार्रवाई करते हुए अब तक 316 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सहारनपुर और प्रयागराज के अलावा हाथरस से 51, मुरादाबाद से 35, अम्बेडकरनगर से 34, फिरोजबाद से 15, अलीगढ़ से छह और जालौन से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक एफआईआर लखीमपुर में भी दर्ज की गई है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बता दें कि टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा हजरत मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक शब्द कहे जाने के विरोध में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन हुए हैं। तीन जून को कानपुर से इसकी शुरुआत हुई थी। उसके बाद 10 जून को शुक्रवार की नमाज के बाद नौ अन्य जिलों में भी प्रदर्शन हुए।
रांची और हावड़ा में हालात तनावपूर्ण, बंगाल में भाजपा नेता को रोका गया
पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं की टिप्पणी को लेकर हुई हिंसा के बाद झारखंड के रांची और पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिलों में हालात तनावपूर्ण हैं। हालांकि दोनों ही राज्यों से किसी नई हिंसा की खबर नहीं है। हावड़ा के कई इलाकों में धारा 144 लागू है जबकि हावड़ा व मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है। हिंसा वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। हावड़ा जा रहे भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। रांची उपद्रव मामले में 25 एफआईआर दर्ज की गईं हैं। साथ ही जिले में 33 घंटे बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है और 12 पुलिस थानों में से छह से धारा 144 हटा ली गई है।
झारखंड पुलिस का कहना है कि रांची में संवेदनशील इलाकों में निगरानी के लिए 3500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। यहां शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोग मारे गए थे और दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रांची के वरिष्ठ एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स, एंटी टेररिज्म स्क्वॉयड, विशेष टास्क फोर्स और जिला पुलिस के कर्मियों को 38 महत्वपूर्ण पॉकेट समेत संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। साथ ही 50 मोटरसाइकिल पेट्रोल टीम भी लगाई गई हैं।
रांची में 25 एफआईआर दर्ज की गईं
उन्होंने बताया कि 25 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें 22 नामजद और हजारों अनाम लोग शामिल हैं। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। इंटेलिजेंस, सीआईडी और सोशल मीडिया से इनपुट के आधार पर जांच चल रही है। पुलिस फायरिंग पर उन्होंने कहा कि यह आखिरी विकल्प के तौर की गई। फायरिंग करने से पहले हमने सभी नियमों का पालन किया, लेकिन भीड़ आक्रामक और नियंत्रण से बाहर हो गई थी। ऐसे में फायरिंग की मदद लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है, इसलिए वह इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे।
12 पुलिस थाना क्षेत्रों में से छह से धारा 144 हटा ली गई
रांची की पुलिस उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में से छह से धारा 144 हटा ली गई है। कोतवाली, लोअर बाजार, चुटिया, डेली मार्केट, डोरंडा और हिंदीपीरी थाना क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध जारी रहेंगे। हालांकि लोगों को जरूरत के सामानों की खरीद की अनुमति दी गई है। डेली मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी हसीम ने कहा कि 1100 दुकानें बंद रही हैं। रांची जिले में करीब 33 घंटे बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। शुक्रवार को शाम सात बजे इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी जिसे रविवार सुबह चार बजे बहाल किया गया।
मृतक युवकों के परिजनों का दावा, वे विरोध प्रदर्शन में नहीं थे शामिल
पुलिस फायरिंग में मारे गए मोहम्मद मुदस्सिर कैफी और मोहम्मद साहिल के परिजनों ने दावा किया है कि वे विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। साहिल के भाई शाकिब अंसारी ने कहा कि उनका भाई शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ काम से रांची के मुख्य सड़क गया था। वह विरोध-प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था लेकिन उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई। वहीं कैफी के पिता अफजल ने कहा कि उन्हें बिल्कुल नहीं पता कि उनके नाबालिग बेटे को गोली कैसे लगी क्योंकि वह प्रदर्शन में शामिल नहीं था। रिम्स के पीआरओ डीके सिन्हा ने कहा कि अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, कैफी की उम्र 22 और साहिल 24 साल का है। उनकी मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हुई। गंभीर रूप से घायल 13 लोगों इलाज भी रिम्स में ही चल रहा है।
बंगाल में हिंसा के आरोप में 100 की गिरफ्तारी
वहीं दूसरी ओर बंगाल पुलिस ने रविवार को कहा कि हावड़ा में असहज शांति का माहौल है। राज्य के मुर्शिदाबाद के बेल्डांगा, राजीनगर और शक्तिपुर पुलिस स्टेशनों में भी शांति बनी रही। हावड़ा और मुर्शिदाबाद जिलों में हिंसा में शामिल होने के आरोप में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने हावड़ा के उलूबेरिया, पंचला, जगतबल्लवपुर और धूलागढ़ में शनिवार रात को मार्च किया और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों ही जिलों से किसी नई हिंसा की वारदात की खबर नहीं है। कोलकाता के पार्क सर्कस, किड्डेरपुर, राजाबाजार और मल्लिकबाजार में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।
हावड़ा जाने से रोके गए शुवेंदु ने कहा, कोर्ट जाएंगे
हिंसाग्रस्त हावड़ा जा रहे बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी को पूर्वी मेदिनीपुर जिले के तामलुक में रविवार को पुलिस ने रोक लिया। दो घंटे के ड्रामे के बाद उन्हें इस शर्त पर आगे जाने की अनुमति दी गई कि वे हिंसाग्रस्त जिले में रुके बिना सीधे कोलकाता जाएंगे। भाजपा नेता अधिकारी ने कहा कि वह सोमवार को इस मसले पर कोर्ट जाएंगे। पुलिस ने दावा किया कि अधिकारी को हावड़ा जाने से रोकना एहतियाती कदम है क्योंकि जिले के कई इलाकों में धारा 144 लागू है। उनके दौरे से कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी।