‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ का सनसनीखेज खुलासा ‘ तेलगी ‘ जैसा एक और बड़ा घोटाला
भागवत जायसवाल, बिलासपुर (छ.ग.)
‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ने 19 से 24 अप्रैल 2004 के अंक में ‘‘एस.ई.सी.एल में प्रति वर्ष 10 अरब रुपए का कोयला घोटाला, सिलसिला वर्षों से जारी’’ छत्तीसगढ़ रिपोर्टर का सनसनीखेज खुलासा ‘ तेलगी ‘ जैसा एक और बड़ा घोटाला के शीर्षक से छत्तीसगढ़ रिपोर्टर ने पहला खुलासा किया था । जिसमें कोल इंडिया को सबसे अधिक फायदा देने वाली एस.ई.सी.एल. इन दिनों भ्रष्ट अधिकारी और कोल माफिया के कब्जे में है। जहां कोयला का हेराफेरी कर प्रति वर्ष लगभग 10 अरब रुपए का घोटाला किया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले 15 वर्षों से जारी है। जिसमें बड़े-बड़े राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी व व्यापारी शामिल हैं। हालांकि इसकी शिकायत एक सांसद ने पुख्ता प्रमाण के साथ प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी से की। लेकिन इस घोटाले को उजागर होने में संदेह है क्योंकि इसे दबाने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास किया जा रहा है। यहां हो रही अनियमितताएं इतने बड़े पैमाने पर हैं कि इसके बारे में लिखा जाए तो “एक पोथी” भी कम होगी। शिकायत के बाद भी इनका बाल बांका होना तो दूर है, बल्कि उनको संरक्षण देने के लिए अधिकारी और राजनेता तक अपना वरदहस्त आगे बढ़ा देते हैं। सांसद रामाधार कश्यप, इस कोयला घोटाले को लेकर दिनांक 14.02.2004 को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में प्रेस काॅन्फ्रेंस करने जा रहे थे। जिसकी जानकारी कोयला घोटालेबाजों को लगी तो उन्होंने अपने आदमियों के साथ रामाधार कश्यप को प्रेस काॅन्फ्रेंस नहीं करने की धमकी देते हुए रोक दिया और प्रेस काॅन्फ्रेंस नहीं करने दिया। तब उन्होंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस सहायता लिया, जो कि अत्यंत शर्मनाक बात है। इससे न केवल मेरे जैसे भारतीय नागरिक बल्कि प्रेस की गरिमा को चोंट पहुंची है। इन सब बातों के साथ पूर्व में किए गए शिकायतों का भी उल्लेख करते हुए सांसद रामाधार कश्यप ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को दिनांक 16.02.2004 को पत्र लिखे । उक्त पत्र की प्रतिलिपि ‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’ को भी दी गई। इस घटना और घोटाले के संबंध में दिल्ली के किसी भी अखबार ने समाचार प्रकाशित नही किया। ‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’को खोजबीन में मिले सैकड़ों पृष्ठों के दस्तावेजों एवं सांसद रामाधार कश्यप द्वारा की गई शिकायत के अनुसार खुलासा किया। यह खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई और विपक्ष पार्टी के राजनेताओं ने इस खुलासे को आड़े हाथ लिया और खूब भंजाए। क्योंकि इसी महीने 20 अप्रैल से 10 मई 2004 के बीच में चार चरणों में लोकसभा का चुनाव था। ‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ ने यह खुलासा किया तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और कोयला मंत्री सुश्री ममता बनर्जी थीं। उसके बाद 22 मई 2004 को डॉ.मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। इधर इस घोटाले को दबाने के लिए हर हथकंडा अपनाया गया तथा ‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक भागवत जायसवाल को हर तरह से परेशान करने का भरपूर प्रयास किया गया और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से लेकर विभिन्न न्यायालयों में आईपीसी की धारा 499 एवं 500 के तहत मानहानि का मामला भी दायर किया गया। फिर भी ‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक भागवत जायसवाल, निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता का दायित्व निभाते हुए अपने सिद्धांत पर अडिग रहे और खुलासा लगातार जारी रखा था ।













