छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जयपुर 09 अप्रैल 2022। हिंदू नव वर्ष पर करौली में भड़की हिंसा के बाद प्रदेश सरकार ने एक कड़ा फैसला लिया है। अब धार्मिक आयोजन, शोभायात्रा, त्योहार, सार्वजनिक कार्यक्रम सहित किसी भी तरह का जुलूस निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए सरकार की ओर से एक पूरी गाइडलाइन बनाई गई है। इसके तहत सार्वजनिक कार्यक्रम, शोभायात्रा और प्रदर्शन करने के लिए आयोजकों को एसडीएम और एडीएम या संबंधित अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। साथ ही प्रशासन को यह भी बताना होगा की डीजे पर कौन से गाने बजाए जाएंगे और जुलूस या रैली में कितने लोग शामिल होंगे।
आयोजक को आयोजन की अनुमति लेने के लिए संबंधित अधिकारी को शपथ या प्रार्थना पत्र देना होगा। एसडीएम, एडीएम और प्राधिकृत अधिकारी शपथ-पत्र के तथ्यों का संबंधित थानाधिकारी से सत्यापन कराएंगे। शपथ-पत्र के निस्तारण के दौरान राजस्थान ध्वनि नियंत्रण नियम, 1964 के प्रावधानों को विशेष ध्यान में रखा जाएगा। सार्वजनिक कार्यक्रम की स्वीकृति निर्धारित प्रारूप में दी जाएगी। एसडीएम, एडीएम सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए आए प्रार्थना-पत्र की निस्तारण की सूचना जिला कलेक्टर और उपायुक्त को आवश्यक रूप से देंगे।
यह जानकारी देनी होगी
गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार आयोजक को अपने नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और संस्था के नाम रजिस्ट्रीकरण की जानकारी देनी होगी। यह भी बताना होगा कि कार्यक्रम धार्मिक, सामाजिक, जुलूस या फिर राजनीतिक प्रदर्शन है। आयोजन कब से कब तक चलेगा, कितने लोग शामिल होंगे, अगर कोई वीवीआईपी व्यक्ति शामिल होने वाला है तो उसके नाम और पद की जानकारी भी देनी होगी। रैली या जुलूस के जाने वाले मार्ग का पूरा विवरण बताना होगा। शपथ पत्र में यह भी लिखना होगा कि कार्यक्रम में प्रतिबंधित हथियारों के उपयोग नहीं किया जाएगा। डीजे पर किस तरह के गाने बजाए जाएंगे इसकी पूरी सूची प्रशासन को देनी होगी। अब इस तरह की कई अन्य जानकारियां प्रशासन को कार्यक्रम की अनुमति लेने से पहले देनी पड़ेंगी। अनुमति मिलने के बाद नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।