छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 18 अप्रैल 2022। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार शाम हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मुख्य न्यायधीश से हस्तक्षेप की मांग की गई है। अधिवक्ता अमृतपाल सिंह खालसा ने स्वत: संज्ञान लेने और जहांगीरपुरी हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच का आदेश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की है। गौरतलब है कि शनिवार को हनुमान जयंती जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस के मुताबिक, हिंसा के दौरान पथराव किया गया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा में कई पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हुए। जुलूस में कथित तौर पर तलवारें और हथियार भी लहराए गए थे।
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा के दौरान पथराव किए जाने के एक दिन बाद उत्तर पश्चिमी दिल्ली में एक असहज शांति बनी हुई है, हालांकि पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है। दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि वह इस घटना के पीछे “एक बड़ी साजिश” की जांच कर रही है। मामले में अब तक पुलिस ने दो नाबालिगों समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दो प्रमुख संदिग्धों अंसार और असलम की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस जांच का उद्देश्य न केवल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों और सीएए-एनआरसी के विरोध के आरोपियों के संभावित लिंक की जांच करना है, बल्कि कुछ रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों के अलावा स्थानीय अपराधियों का भी पता लगाना है, जिन्होंने कथित तौर पर विरोध में भाग लिया था और हिंसा को हवा दी। क्राइम ब्रांच को जांच और आगे की कार्रवाई के लिए लगाया गया है। पुलिस को खुफिया एजेंसियों की भी मदद मिल रही है। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार लोगों में से कई का आपराधिक रिकॉर्ड है।
रविवार को एक अदालत ने दोनों मुख्य आरोपियों को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इसके अलावा अन्य 12 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि मुख्य आरोपी को 15 अप्रैल को शोभा यात्रा के बारे में पता चला और उसने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रची थी।
गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक अंसार के रिकॉर्ड से पता चलता है कि उस पर शस्त्र और जुआ अधिनियम के तहत पांच बार मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि वह मारपीट के दो मामलों में भी शामिल था और पहले भी उसे कई बार एहतियातन गिरफ्तार किया जा चुका है। कथित तौर पर एक पुलिस वाले को गोली मारकर घायल करने वाले असलम (21) को 2020 में जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए घातक हथियारों से हमला, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और आपराधिक धमकी देने के मामले में भी शामिल पाया गया है।