छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इंदौर 13 फरवरी 2022। इंदौर का नगर गौरव दिवस कब मनाया जाए इसको लेकर बैठक हुई। इसमें अलग-अलग तर्क सामने आए। जनप्रतिनिधियों ने 31 मई को गौरव दिवस मनाने की बात कही तो अन्य ने दूसरी तारीखें बताई। इस पर मामले में पेंच फंस गया। चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई जो सभी बिंदुओं, सुझावों पर विचार कर तारीख तय करेगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में मंशा जाहिर की थी कि हर शहर का अपना जन्मदिन हो। इसी कड़ी में इंदौर के गौरव दिवस मनाने की बात भी आई मगर यह समझ नहीं आया कि गौरव दिवस कब मनाया जाए। इस उलझन को सुलझाने के लिए शहर के जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजन, धर्मगुरु व संस्थाओं के प्रमुखों की बैठक हुई। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बैठक की अगुआई की जिसमें जनप्रतिनिधियों ने इंदौर गौरव दिवस लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जन्मदिन 31 मई को मनाने की बात कही। प्रबुद्धजनों ने तर्क रखा कि अहिल्या माता शहर का गौरव हैं, लेकिन इस दिन को मनाने के उद्देश्य को देखते हुए शहर को गौरवान्वित करने वालों को नजरअंदाज नहीं किया जाए। लोकमाता अहिल्या व होलकर ने शहर को स्थापित कर गौरव बढ़ाया, लेकिन ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने भी इंदौर को पहचान दी है। कुछ गणमान्य ने अन्य तारीखों का सुझाव दिया।
इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि अभी 31 मई की तारीख पर सहमति बनाना जल्दबाजी होगी। सभी तथ्य, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सरकार के तय मानकों पर इन विचारों को देख लें। अहिल्या माता से जुड़ी अन्य तारीख या स्थापना और विकास से जुड़ी अन्य तारीखों पर भी विचार कर निर्णय लें। इसके लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इसमें सांसद, आईडीए अध्यक्ष, कलेक्टर व निगमायुक्त हैं। कमेटी तथ्यों का परीक्षण कर सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। बैठक में मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, विधायकगण, जनप्रतिनिधि, धर्मगुरु, सामाजिक-व्यापारिक संगठन के प्रतिनिधि, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित पद्मश्री भालू मोंढे, पद्मश्री जनक पलटा मिगीलिगन, पद्मश्री पुरु दाधीच, पंडित अशोक भट्ट, पं. दीपेश व्यास, जयंत भिसे, रमेश खंडेलवाल, प्रमोद डफरिया, रिंकू भाटिया, सुधीर देडग़े, बलराम वर्मा, लीलाधर माहेश्वरी, हंसराज जैन आदि प्रबुद्धजन मौजूद थे।
अहिल्यामाता के राजतिलक वाला दिन भी हो सकता है
सामाजिक कार्यकर्ता अनिल भंडारी ने कहा, गौरव दिवस अहिल्या देवी होलकर के जन्मदिन 31 मई को मनाना चाहिए। मौजूद लोगों ने समर्थन किया। इसी बीच राव नंदलाल मंडलोई जमींदार के परिजन माधवी जमींदार व वरदराज मंडलोई जमींदार ने कहा, इससे 150 साल के ऐतिहासिक तथ्यों को नजर अंदाज किया जा रहा है। इंदौर की स्थापना 3 मार्च को हमारे पूर्वज राव नंदलाल मंडलोई ने कर व्यावसायिक राजधानी बनाया। इन तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट में भी स्थापित किया गया। इस पर गणमान्य नागरिकों ने एतराज जताते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ नंदलालपुरा तक ही सीमित था। इसे इंदौर की स्थापना से नहीं जोड़ सकते। जनप्रतिनिधि महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड़, कृष्णमुरारी मोघे, अजयसिंह नरूका, सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा व अन्य ने अहिल्याबाई के जन्मदिन को ही गौरव दिवस मनाने का समर्थन किया। इतिहासकार शरद पगारे ने कहा, गौरव दिवस की प्रस्तावना इतिहास से संबंधित नहीं है। इंदौर के जन्मदिन जैसे मुद्दे पर जाएंगे तो बहुत पीछे जाना होगा। अहिल्या माता ने शहर का गौरव बढ़ाया है। इस पर एतराज नहीं होना चाहिए। इधर धर्मगुरु अण्णा महाराज ने कहा कि कोई भी जन्म से गौरव नहीं बनाता। गौरव उसके कार्यो से बढ़ता है। जन्मदिन के दिन गौरव दिवस मनाने के बजाय, ऐसी तिथि ली जाए जिससे गौरव का एहसास होता हो तो अच्छा रहेगा। इसके लिए राजबाड़ा की नींव रखने वाला दिन भी ले सकते हैं। अहिल्यामाता के राजतिलक वाला दिन भी हो सकता है। पद्मश्री सुशील दोषी ने कहा, मैं कमेंट्री की शुरुआत अहिल्यामाता के नाम से करता हूं। इंदौर के गौरव की कहानियां और भी हैं। क्रिकेट में सीके नायडू के नाम से शहर को जानते हैं। हॉकी में लक्ष्मण का नाम है। ऐसे कई और भी हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता व कवि सत्यनारायण सत्तन ने कहा इंदौर का गौरव बनने में कई विभूतियां हैं। अहिल्यामाता भी पवित्र व्यक्तित्व हैं। हालांकि इस दौरान सत्तन नाराज भी हुए और तीखी प्रतिक्रिया दी।
अहिल्यामाता के कर्मों से इंदौर का गौरव बना है
भाजपा नेता गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि 3 मार्च तो नंदलालपुरा से संबंधित है। अहिल्यामाता के जन्मदिन के साथ उनके प्रथम आगमन या अन्य तिथि भी ले सकते हैं। शहरकाजी इशरत अली ने कहा कि अहिल्यामाता लोगों के दिलों पर राज करने वाली शासक थीं। राव परिवार के योगदान को भी याद रखना होगा। इतिहासकार सुनील मतकर ने कहा कि अहिल्यामाता गौरव दिवस के केंद्र की हकदार हैं, क्योंकि इंदौर में 129 से 1800 तक 29 शासकों ने राज किया। अहिल्यामाता ने 30 साल राज किया। उन्होंने इंदौर को स्थापित करने की नींव रखी। देश में इंदौर का गौरव बढ़ाया। बैठक में विधायक मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा, गोविंद मालू, उमेश शर्मा ने अहिल्या जन्मोत्सव को ही गौरव दिवस मनाने की बात कही। होटल एसोसिएशन के सुमित सूरी, सिख समाज के रिंकू भाटिया, खजराना गणेश मंदिर के अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के दीपेश व्यास, शहर काजी इशरत अली सहित कई संगठनों ने भी इसी दिन की पैरवी की। प्रो. रमेश मंगल, अग्रवाल समाज के अरविंद बागड़ी, राजेश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, पवन सिंघानिया, टीकमचंद गर्ग, दिलीप गर्ग ने भी इस उत्सव को मनाने की बात कही। पद्मश्री जनक पलटा, फौजिया शेख अलीम ने भी जन्मतिथि पर सहमति दी। पद्मश्री पुरू दाधीच ने भी देवी अहिल्या के नाम पर यह दिन मनाने की बात कही। सभी को सुनने के बाद सुमित्रा महाजन ने कहा कि अहिल्यामाता के कर्मों से इंदौर का गौरव बना है। कमेटी लोकमाता के जन्मदिन, प्रथम आगमन दिवस या अन्य कोई तारीख तय करे।
मेंदोला ने की नाम बदलने की पैरवी
बैठक में कोई निष्कर्ष तो नहीं निकला मगर 80 प्रतिशत सदस्यों ने 31 मई को गौरव दिवस मनाने की बात कही। हालांकि जो कमेटी बनाई गई है वह अब देवी अहिल्या से जुड़े इतिहास, उनके जन्मदिन, इंदौर में बहू बनकर आने वाले दिन या राज्यभार संभालने वाले दिन को देखेगी। इन्हीं में से एक पर अंतिम मुहर लगाकर सरकार को भेजेंगे। इधर बैठक के दौरान ही विधायक रमेश मेंदोला ने यह कहकर चौंका दिया कि गौरव दिवस तो अहिल्या के जन्मदिन पर मने, लेकिन अब इंदौर का नाम ही हम अहिल्या नगरी करें। इंदौर का नाम बदलने की मेंदोला की बातें सुनकर सभी चौंक पड़े। विधायक आकाश विजयवर्गीय ने लता मंगेशकर की पुण्यतिथि के दिन गौरव दिवस मनाने की बात कही।
जल्द होगी अहिल्याबाई होलकर स्मारक की स्थापना
इसी तरह सालों से चल रही देवी अहिल्या बाई होलकर स्मारक की स्थापना भी जल्द होगी। प्रशासन ने इसके लिए पुराने आरटीओ (रामपुर कोठी) की जमीन देने का निर्णय ले लिया है। इस जमीन के साथ लगी 3 एकड़ जमीन अभी संस्कृति विभाग के पास है, जिसे राजस्व विभाग को हस्तांतरित करने का पत्र कलेक्टर मनीष सिंह ने लिखा है। इस आधार पर संभागायुक्त ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख जमीन राजस्व विभाग को हस्तांतरित को कहा है। कलेक्टर ने बताया कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व सांसद शंकर लालवानी इस संबंध में प्रयासरत थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इंदौर प्रवास के दौरान इंदौर में ही देवी अहिल्या स्मारक की स्थापना करने की घोषणा की थी।