छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लखनऊ 20 जनवरी 2022। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव काफी अटकलों के बाद भाजपा में शामिल हो गई। राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच धारणा की लड़ाई में भगवा पार्टी के लिए एक बढ़त के रूप में देख रहे हैं। करीब एक सप्ताह पहले जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य सहित पिछड़ी जाति के मंत्रियों और विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलायी थी तो उन्होंने उस समय यूपी में सियासी बढ़त हासिल कर लिया था।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा की जवाबी कार्रवाई का जमीन पर किसी भी वास्तविक लाभ की तुलना में मनोवैज्ञानिक प्रभाव अधिक पड़ेगा।सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के पार्टी में शामिल होने के बाद ‘बीजेपी छोड़ने’ की कहानी को स्थापित करने की कोशिश की थी। वहीं अपर्णा के जाने से ‘यादव परिवार में दरार’ की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें कि यह 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले की स्थिति के समान है, जब अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच दरार खुलकर सामने आई थी।
2017 में शिवपाल यादव ने छोड़ा था सपा का साथ
शिवपाल के सपा छोड़ने के बाद दरारें और चौड़ी हो गईं। उन्होंने अपना खुद का संगठन, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (PSP-L) बनाया। भाजपा ने पारिवारिक कलह का फायदा उठाया और अखिलेश को ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया जो राज्य का प्रबंधन करने में “अक्षम” था, क्योंकि वह अपने पारिवारिक विवाद को भी हल नहीं कर सका। हालांकि 2017 के चुनावों में सपा की हार के पीछे यही एकमात्र कारण नहीं था, उस समय पारिवारिक कलह चर्चा का विषय था।2022 के विधानसभा चुनावों से पहले अपर्णा यादव ने समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपा का दामन इसलिए थामा है, क्योंकि कथित तौर पर अखिलेश यादव से उन्हें टिकट का कोई वादा नहीं मिला था। राजनीतिक विशेषज्ञ इसके जरिए यादव परिवार में दरार ढूंढने की कोशिशें कर रहे हैं।
अपर्णा के शामिल होने के बाद शिवपाल यादव ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने उन अटकलों का खंडन किया कि वह भाजपा नेताओं से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पूर्व यूपी बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि मैं बीजेपी में शामिल हो सकता हूं। यह दावा पूरी तरह से निराधार और तथ्यों से रहित है। मैं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ हूं और अपने समर्थकों से राज्य से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करता हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सपा सरकार बनाए।”
अपर्णा के सपा छोड़ने पर क्या बोले अखिलेश?
इस बीच अपनी भाभी अपर्णा यादव को भाजपा में शामिल होने पर बधाई देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि नेताजी (मुलायम) ने उन्हें भाजपा में शामिल नहीं होने के लिए समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन व्यर्थ रहा। अपर्णा के सपा छोड़ने पर उन्होंने कहा, “सबसे पहले, मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं और अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं। मुझे खुशी है कि इस तरह हमारी समाजवादी विचारधारा अन्य राजनीतिक दलों तक पहुंच गई है।” अखिलेश ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारी समाजवादी विचारधारा वहां (भाजपा में) संविधान और लोकतंत्र को बचाने में मदद करेगी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या अपर्णा के फैसले पर सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद है अखिलेश ने कहा, “नेताजी ने बहुत कोशिश की समझाने की। अपर्णा बिष्ट यादव का भाजपा में शामिल होना यादव परिवार के किसी सदस्य के भगवा खेमे में जाने का अकेला मामला नहीं था। वह यादव परिवार की तीसरी सदस्य और भाजपा में शामिल होने वाली दूसरी महिला सदस्य हैं। इससे पहले मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बहनोई प्रमोद गुप्ता के भी जल्द ही भगवा पार्टी में शामिल होने की संभावना है।
यादव परिवार से कई नेताओं ने थामा है बीजेपी का दामन
अपर्णा से पहले मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव (अभय राम यादव की बड़ी बेटी और सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन) पहले ही भगवा पार्टी में शामिल हो चुकी हैं। इसके अलावा एक सप्ताह पहले मुलायम के पोते के ससुर और सिरागंज (फिरोजाबाद) के विधायक हरिओम यादव भी भाजपा में शामिल हो गए थे। वह मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव के ससुर राम प्रकाश के भाई हैं। इससे पहले पंचायत चुनाव के दौरान मुलायम की भतीजी संध्या यादव ने मैनपुरी के वार्ड 18 (घिरौर III) से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।