छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 21 दिसम्बर 2021। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे मंगलवार को भारतीय सेना को कई रक्षा उपकरण सौंपेंगे. सेना के अधिकारियों के मुताबिक, कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर को देश में तैयार अगली पीढ़ी के युद्धक टैंक की पहली खेप सौंपेंगे. अधिकारियों ने कहा कि यह प्रणाली भविष्य के युद्धों में सेना के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है और इससे भारतीय सेना की मौजूदा तकनीकी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाएगी. इसके अलावा सेना के कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर को रक्षा की पहली पंक्ति मानते हुए आज एंटी पर्सनल और एंटी टैंक माइन्स की नई खेप सौंपी जाएगी. जिससे आतंकी घुसपैठ को रोकने और युद्ध के दौरान दुश्मनों के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना 7 लाख स्वदेश निर्मित ‘निपुण’ एंटी पर्सनल माइन्स को शामिल कर रही है, जिसमें RDX का शक्तिशाली मिश्रण है.
अधिकारियों के मुताबिक, रक्षा विकास और अनुसंधान संस्थान (DRDO) द्वारा भारतीय सेना के लिए विकसित ‘वैभव’ और ‘विशाल’ अगली पीढ़ी के एंटी टैंक माइन्स हैं और यह ट्रायल के एडवांस स्टेज पर हैं. इनकी एडवांस डिजाइन और सेंसर्स के कारण नए एंटी टैंक माइन्स में दुश्मनों के टैंक को रोकने की ज्यादा क्षमता है.
कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर युद्ध के दौरान, कॉम्बेट इंजीनियर पुल, ट्रैक और हेलीपैड बनाकर अपनी सेवाओं को गतिशीलता प्रदान करते हैं, दूसरी ओर यह कोर बारूदी सुरंगे बिछाकर और पुलों को ध्वस्त करने जैसी बाधाएं उत्पन्न करके दुश्मन द्वारा इन्हें प्रयोग किए जाने को नामुमकिन करते हैं. कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर के चार प्रमुख अंग है- कॉम्बैट इंजीनियर्स, एम ई एस, बार्डर रोड्स और सैन्य सर्वेक्षण.
भारत ने पिछले कुछ सालों में इन रक्षा उपकरणों को आयात नहीं करने का फैसला किया और इसे स्वदेशी तकनीक से बनाने का फैसला किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी महीने बताया था कि भारत ने पिछले 7 सालों में 38 हजार करोड़ से अधिक के रक्षा सामानों का निर्यात किया है और देश जल्द ही शुद्ध निर्यातक बन जाएगा.