छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 अगस्त 2021। पेगासस जासूसी कांड पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है। इस मुद्दे पर हो रहे हंगामे की वजह से सदन पिछले दो सप्ताह में एक भी दिन पूरी तरह से नहीं चल सका है। इस मुद्दे पर जहां विपक्ष लगातार बहस की मांग कर रहा है वहीं सरकार इसको मना कर रही है। सरकार का कहना है कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है, लिहाजा जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस की जानी अधिक सार्थक है। लेकिन दो सप्ताह से चल रहे गतिरोध की वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है।
सरकार के मुताबिक विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्य सभा और लोक सभा के कामकाजी घंटों में काफी कमी आई है। आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ था। लेकिन तब से लेकर अब तक दोनों सदनों में कुल 107 घंटों के कामकाजी में महज 18 घंटे ही कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी है। सरकार की दी गई जानकारी के मुताबिक इसकी वजह से सरकार को 133 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
सरकार ने कहा है कि पिछले दो सप्ताह के दौरान लोकसभा के 54 घंटों के कामकाजी समय में केवल सात घंटे ही सदन चला है। वहीं राज्य सभा के 53 घंटों के कामकाजी समय में केवल 11 घंटे ही सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी है। इसको देखते हुए सरकार मानसून सत्र को समय से पहले खत्म करने की तैयारी कर रही है। हालांकि विपक्ष ने सरकार की इस मंशा का विरोध करने का मन बना लिया है।
आपको बता दें कि पेगासस जासूसी कांड का मुद्दा विपक्ष को बैठे-बिठाए मिल गया है। विपक्ष लगातार कह रहा है कि सरकार जानबूझकर इस मुद्दे पर बहस से पीछे हट रही है। विपक्ष का ये भी कहना है कि यदि वो इस पर बहस को तैयार हो जाती है तो गतिरोध भी तुरंत ही खत्म हो जाएगा। इस संबंध में राज्य सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक पत्र राज्य सभा के सभापति को भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए।