छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
सांस लेने में दिक्कत एक आम समस्या है. ज्यादा खाना खाने के बाद भी सांस लेने में परेशानी (breathing problem) अनुभव हो सकती है। लेकिन यदि ऐसा बार-बार होता है और लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहती है तो ध्यान देने की जरूरत है। सांस नली के जाम होने या फेफड़ों में छोटी-मोटी परेशानी होने पर सांसें छोटी आने लगती हैं। यदि आपको यह समस्या लंबे समय से है तो यह किसी दूसरी बीमारी का लक्षण हो सकता है।
1 मिनट में सामान्य से अधिक बार सांस लेने की स्थिति को हांफना या सांस फूलना कहते हैं। तेजी से सांस लेने की इस प्रकिया को अंग्रेजी में हाइपरवेंटिलेशन कहा जाता है। हार्ट फेलियर, फेफड़ों में संक्रमण, दम घुटने आदि जैसी स्थिति के दौरान व्यक्ति में हांफने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। दरअसल सांस फूलना कोई बीमारी नहीं हैं, हालांकि यह किसी बड़ी बीमारी का लक्षण जरूर हो सकता है।
सांस फूलने के कारण-
सीओपीडी –
यह फेफड़ों से जुड़ी एक आम बीमारी है, जिसमें ब्रोंकाइटिस में सांस की नली में सूजन और एंफिसेमा में फेफड़ों में मौजूद छोटी हवाओं की थैली नष्ट हो जाने जैसी समस्या उत्पन्न होती है।
अस्थमा-
जल्दी-जल्दी सांस लेना अस्थमा अटैक का भी लक्षण हो सकता है। बता दें कि सांस की नली में सूजन आने से व्यक्ति को सांस लेने में समस्या पैदा हो सकती है।
शरीर में पानी की कमी-
शरीर में पानी की कमी होने पर सांस लेने के तरीके में भी बदलाव आने लगता है। शरीर की कोशिकाओं को पानी की कमी की वजह से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती और व्यक्ति निर्जलीकरण जैसी समस्या का शिकार होकर जल्दी-जल्दी हांफने लगता है।
खून के थक्के-
जब व्यक्ति को पल्मोनरी एंबॉलिज्म की समस्या होती है तो फेफड़ों में खून के थक्के जमने लगते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को छाती में दर्द, धड़कनों का तेजी से धड़कना, सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायत होने लगती है।
संक्रमण-
फेफड़ों को संक्रमित करने वाले रोग जैसे निमोनिया, व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करते हैं। जिसकी वजह से व्यकित का सांस फूलने लगता है। लंबे समय तक अगर इस तरह के संक्रमण का इलाज न किया जाए तो फेफड़ों में तरल पदार्थ भर जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल पैदा हो सकती है।
तनाव के कारण
जो लोग बहुत अधिक तनाव (tension) में रहते हैं, उन्हें अक्सर सांस लेने में समस्या होती है। वे या तो बहुत जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं या सीने में भारीपन का अहसास होने के कारण उनकी सांस लेने की गति बहुत धीमी होती है। इन दोनों ही स्थितियों में उनकी सांस बहुत छोटी होती है। इस कारण उनके फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन (oxygen) नहीं पहुंच पाती है और इससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
सांस फूलने के लक्षण-
- गले में जलन और फेफड़ों में जलन महसूस करना।
- आंखों में पानी आ जाना
- चक्कर आना या बेहोशी महसूस करना
- सांस लेते वक्त आवाज निकलना
- दिल की गति का तेज हो जाना
कैसे करें बचाव-
- फेफड़ों को क्षति पहुंचाने वाली आदतें जैसे अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
- कपालभाती, प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम जैसे सरल प्राणायाम करने से हांफने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- नियमित व्यायाम करने से भी हाइपरवेंटिलेशन की समस्या को रोका जा सकता है।
- यदि आप पैनिक अटैक जैसा महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।