छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 22 जनवरी 2021। भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। टीम ने अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और तमाम तरह की चुनौतियों के बीच ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में पटखनी दी और इतिहास रचा। टीम इंडिया की इस जीत की हर तरफ तारीफ है और उनके संघर्ष को सराहा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी पूरी टीम की तारीफ कर चुके हैं।
शुक्रवार को असम के तेजपुर यूनिवर्सिटी के 18वें दीक्षांत समारोह में मौजूद 1200 छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम ने भारतीय टीम का जिक्र करते हुए बताया कि खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद लड़ाई को जारी रखा और ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचा। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम का खेल दृष्टिकोण में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है। पहला टेस्ट हारने के बाद भी उन्होंने लड़ना जारी रखा।
मोदी ने कहा, ‘घायल होने के बाद भी वे जीत के लिए संघर्ष करते रहे और नए समाधान खोजते रहे। कुछ खिलाड़ी कम अनुभवी हो सकते हैं, लेकिन उनकी बहादुरी कम नहीं थी। उन्होंने सही प्रतिभा और स्वभाव के साथ इतिहास रचा।
भारतीय टीम की जीत से सभी को 3 बातें सीखनी चाहिए
- अपनी क्षमताओं पर विश्वास होना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो मुश्किल काम भी आसान होगा।
- हमें पॉजिटिव और निडर होना होगा। यदि ऐसा करते हैं और सोच को भी पॉजिटिव रखते हैं, तो सारे काम पॉजिटिव होंगे।
- सुरक्षित निकलने और मुश्किल जीत का विकल्प हो तो, हमें जीत की तरफ जाना चाहिए। इस कोशिश में कभी-कभी हार भी मिलती है, तो हमें डरना नहीं चाहिए। हमारे अंदर जो हार का डर होता है। हम अतिरिक्त दबाव लेते हैं, तो भटक जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से टेस्ट सीरीज में हराया
टीम इंडिया ने इसी महीने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 4 टेस्ट की सीरीज में 2-1 से हराया है। इसी के साथ भारतीय टीम ने कई बड़े रिकॉर्ड भी बनाए हैं। विराट कोहली की कप्तानी में भारत सीरीज का पहला टेस्ट हार गई थी। इस मैच की दूसरी पारी में भारतीय टीम अपने टेस्ट इतिहास के सबसे छोटे 36 रन के स्कोर पर भी सिमट गई थी
पहले टेस्ट में हार के बाद टीम ने शानदार वापसी की। जबकि कोहली पैटरनिटी लीव पर जा चुके थे और कमान अजिंक्य रहाणे के हाथ में थी। उसने दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज बराबर कर दी। इसके बाद तीसरा टेस्ट सिडनी में खेला गया, जो ड्रॉ रहा। सीरीज के तीसरे मैच तक आते-आते भारतीय टीम के 9 खिलाड़ी चोटिल हो चुके थे। उनमें से 7 तो सीरीज से ही बाहर हो गए थे। चौथे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन के सिलेक्शन में भी मुश्किलें आ रही थी।
सीरीज में सिराज ने डेब्यू किया, वे सबसे सफल भारतीय बॉलर भी रहे
चौथा टेस्ट ब्रिस्बेन में खेला गया था, जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को आखिरी दिन 3 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। बड़ी बात यह थी कि 7 खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद टीम में नेट बॉलर टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर को शामिल किया गया था। नटराजन पहले भारतीय प्लेयर हैं, जिन्होंने एक ही दौरे पर तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में डेब्यू किया। वहीं, टेस्ट में डेब्यू करने वाले सिराज 3 मैच में सबसे ज्यादा 13 विकेट लेने वाले भारतीय बॉलर रहे थे।