पांच दिन अंधड़-गर्मी से राहत नहीं; महाराष्ट्र में हादसों में आठ की मौत

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

नई दिल्ली 08 जून 2024। उत्तर भारत को पांच दिन अंधड़ और गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। राजस्थान में अंधड़ से उखड़े पेड़ की चपेट में आकर मां-बेटी की मौत हो गई। महाराष्ट्र में वर्षाजनित हादसों में आठ लोगों की मौत हो गई है। संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ है। वहीं, मध्य प्रदेश के दस जिलों में भी आंधी-तूफान के साथ बारिश की चेतावनी दी गई है। दिल्ली के कुछ इलाकों में शुक्रवार को हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी भारत, उत्तर प्रदेश व पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश में पांच दिन लू की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत में शनिवार और रविवार को तेज गरज के साथ बारिश हो सकती है। आंधी-तूफान भी आ सकता है। हालांकि, बीते 24 घंटे के दौरान इन राज्यों में तापमान में कुछ गिरावट आई, लेकिन पारा 42-44 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा।

उत्तर प्रदेश के उरई में अधिकतम तापमान 45.2 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश व राजस्थान के ऊपरी वायुमंडल में चक्रवात बना हुआ है, जिससे अरब सागर से नमी लिए हवाएं बह रही हैं। इसके असर से 10 जिलों में बारिश व अंधड़ की संभावना है। वहीं, केरल के तीन जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज और पांच अन्य जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

श्रीनगर में बारिश, गुलमर्ग के पहाड़ों पर बर्फ की चादर
 जम्मू-कश्मीर में जून माह के शुरुआती दिनों में 40 डिग्री को छू रहा पारा, पिछले तीन दिनों से आंधी-तूफान और बारिश के कारण नीचे आ गया है। शुक्रवार को कश्मीर में कुछ स्थानों पर बारिश के साथ गुलमर्ग सहित अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। जम्मू में भी तेज गर्मी से थोड़ी राहत है। घाटी में मौसम सुहावना बना हुआ है। यहां अधिकांश जिलों में दिन का पारा सामान्य से 6 से 8 डिग्री तक नीचे चला गया है। रात में भी ठंडक कायम है। जम्मू में लगातार दो दिन से दिन का पारा 40 डिग्री से नीचे रहकर शुक्रवार को 38.6 और न्यूनतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू में दिन के साथ तेज गर्मी का अहसास हो रहा है, पर रात में मौसम सुहावना बना है। लेह में न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

बढ़ता खतरा…इस बार हीटवेव पिछले वर्ष से 1.5 डिग्री अधिक गर्म
 भारत में इस साल मई में अनुभव की गई हीटवेव पहले दर्ज की गई हीटवेव से लगभग 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रही। यह खुलासा जलवायु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह ‘क्लाइमामीटर’ ने अध्ययन के बाद किया है। शोधकर्ताओं ने लगातार बढ़ते तापमान को लेकर चेताया कि निकट भविष्य में यह मानव के लिए घातक होगी।

शोधकर्ताओं ने भारत में मई में अनुभव की गई हीटवेव के तापमान में वृद्धि होने के कारणों का पता लगाने के लिए 1979 से 2001 की तुलना वर्तमान 2001 से 2023 से की। क्लाइमामीटर के विश्लेषकों ने कहा कि मई में भारत में झेली गई तीव्र और लंबी हीटवेव प्राकृतिक रूप से होने वाली अल नीनो घटना और वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की तेजी से बढ़ती सांद्रता का परिणाम थी।  फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के डेविड फरांडा ने कहा कि क्लाइमामीटर के निष्कर्षों से पता चलता है कि जीवाश्म ईंधन के जलने के कारण भारत में हीटवेव असहनीय तापमान सीमा तक पहुंच रही है।  

 भविष्य के लिए घातक
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के जियानमार्को मेंगाल्डो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समकालिक मौसम पैटर्न में बदलाव हो रहा है, जो निकट भविष्य में हीटवेव को काफी हद तक घातक हो सकती है। 2023-24 अल नीनो और मानव जनित जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव के तहत दुनिया मौसम की चरम स्थितियों को देख रही है। 

सुप्रीम चेतावनी…मानसून में मुंबई होर्डिंग जैसी घटना न हो
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई अथॉरिटी को याद दिलाया कि वे सुनिश्चित करें कि हाल ही में हुई घाटकोपर होर्डिंग हादसे जैसी कोई मानसून में न हो। घाटकोपर हादसे में 17 लोगों की जान गई थी। जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने कहा, मानसून आ गया है और संबंधित अथॉरिटी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटकोपर जैसा हादसा न हो। पीठ रेलवे की जमीन पर होर्डिंग के लिए मुंबई नगर निगम अधिनियम (एमएमसीए) के कुछ प्रावधानों की प्रयोज्यता के संबंध में ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के आवेदन की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि संबंधित अथॉरिटी को सुनिश्चित करना चाहिए कि रेलवे या नगर निगम के स्वामित्व वाली किसी भी जमीन पर कोई अप्रिय घटना न हो। एक वकील ने कहा कि घाटकोपर का मुद्दा अदालत के समक्ष नहीं है और घाटकोपर में जो अवैध होर्डिंग गिरा, वह रेलवे की जमीन पर नहीं था। एमसीजीएम के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल न सिर्फ एमएमसीए के तहत बल्कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है।  

अदालत ने मामले पर एक सप्ताह बाद विचार करने का निर्णय लिया है। एमसीजीएम ने आवेदन में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें कहा गया था कि रेलवे की भूमि पर लगाए गए होर्डिंग पर एमएमसीए की धारा 328 और 328ए के प्रावधान लागू नहीं होंगे।

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