छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
काबुल 21 सितम्बर 2021। अफगानिस्तान में सत्ता पाने के बाद आपस में खूनी संघर्ष ने तालिबान को बड़ा झटका दिया है। कुर्सी की इस लड़ाई में तालिबान के सर्वेसर्वा हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मौत हो गई है और उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बंधक बनाकर रखा गया है। सत्ता के लिए यह संघर्ष तालिबान के ही दो धड़ों के बीच हुआ था। मैगजीन ने यह भी बताया कि हक्कानी धड़े के साथ इस झगड़े में सबसे ज्यादा नुकसान मुल्लाह बरादर को ही पहुंचा है।
रिपोर्ट में बताया है कि सितंबर माह में तालिबान के दोनों धड़ों की बैठक हुई थी। इस दौरान एक मौका ऐसा भी आया जब हक्कानी नेता खलील-उल रहमान हक्कानी अपनी कुर्सी से उठा और उसने बरादर पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए। बरादर लगातार तालिबान सरकार के कैबिनेट में गैर-तालिबानियों और अल्पलसंख्यकों को भी जगह देने का दबाव बना रहा था ताकि दुनिया के अन्य देश तालिबान सरकार को मान्यता दें। इस झड़प के बाद बरादर कुछ दिनों के लिए लापता था और अब एक बार फिर से उसे कंधार में देखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बरादर ने आदिवासी नेताओं से मुलाकात की है, जिनका समर्थन भी उसे मिला है। हालांकि, बरादर पर दबाव बनाकर उससे वीडियो संदेश जारी किया। इस वीडियो से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बरादर को बंधक बना लिया गया है।
सरकार में सबकी हिस्सेदारी चाहता था बरादर
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बरादर अफगानिस्तान की स्थाई सरकार में अल्पसंख्यक व गैर-तालिबानी नेताओं को भी शामिल करना चाहिता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सरकार को मान्यता दे। हक्कानी नेटवर्क ऐसा नहीं चाहता था। इसी को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद हुआ जो खूनी संघर्ष में बदल गया। यह भी दावा किया जा रहा है कि काबुल की सत्ता पर काबिज होने को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद है। बरादर खेमा अपनी कूटनीति को सत्ता पर काबिज होने की वजह मानता है तो हक्कानी नेटवर्क अपने आत्मघाती रवैये को काबुल की सत्ता का श्रेय देना चाहता है।
अखुंदजादा भी कई दिनों से है गायब
तालिबान का सर्वोच्च नेता और खूंखार आतंकी हिबतुल्ला अखुंदजादा भी कई दिनों से दुनिया के सामने नहीं आया है। वैसे तो वह कभी प्रत्यक्ष रूप से दुनिया के सामने आता नहीं है, लेकिन इतने बड़े खूनी संघर्ष के बाद भी उसका कोई मैसेज न आना इस बात का संकेत देता है कि अखुंदजादा का कत्ल कर दिया गया है। बता दें, हिबतुल्ला अखुंदजादा के बारे में दुनिया की खुफिया एजेंसियों को भी नहीं पता है। वह कहां रहता है और उसकी दिनचर्या क्या होती है। इसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास होती है। यहां तक कि तालिबान के कई बड़े नेताओं ने भी अबतक उसे नहीं देखा है। वह बीच-बीच में वीडियो जारी कर तालिबानी नेताओं को संदेश भेजता रहता है, लेकिन इधर कई दिनों से उसका कोई मैसेज नहीं आया है।