रमन सिंह जी का चरित्र बस्तर विरोधी, विकास विरोधी और छत्तीसगढ़ विरोधी
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 23 अक्टूबर 2020। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सरकार ने भू-माफिया की तरह लोहाण्डीगुड़ा की जमीन उद्योग के लिये हथियाली थी। कांग्रेस सरकार में सुनिश्चित करेंगे फिर जमीन की व्यवस्था की जायेगी। रमन सिंह के 15 साल में न केवल बस्तर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में उद्योगों के नाम पर जमीन का अपवंचन किया गया। रमन सिंह इस गलतफहमी में न रहे कि लोहाण्डीगुड़ा की कहानी कांग्रेस सरकार में दुहराई जा सकती है। यह सुनिश्चित करना इसलिये भी जरूरी हो गया है कि नगरनार में प्लांट के नाम पर जमीन ले ली गयी और केन्द्र की भाजपा सरकार एनएमडीसी के नगरनार प्लांट को बेचने का फैसला ले लिया है। न हम लोहाण्डीगुड़ा होने देंगे न नगरनार दोहराने देंगे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जी अपनी विफलताओं का ठिकरा कांग्रेस की सरकार के माथे फोड़ने की राजनीति बंद करें। टाटा की स्टील प्लांट के लिये जमीन दी गयी। बस्तर वालों से लेकर दी गयी। आदिवासियों से लेकर दी गयी और टाटा का स्टील प्लांट तो नहीं लगा। 6-7 वर्षो तक वो जमीन खाली पड़ी रही। कांग्रेस सरकार ने वो जमीन आदिवासियों को लौटायी। उसके मूल मालिकों को लौटायी। रमन सिंह जी को इससे बड़ी तकलीफ हुई। अब अगर बस्तर में 4-5 नये स्टील प्लांट लगने की बात हो रही है उसकी शुरूआत हो रही है तो रमन सिंह जी को इससे भी तकलीफ नहीं होनी चाहिये। अगर 5 स्टील प्लांट नये लगेंगे तो उसके लिये जमीन की भी व्यवस्था होगी। जमीन की व्यवस्था करके जमीन के मालिकों को सही प्रतिसाद मिलेगा और वो जमीन खाली नहीं पड़े रहेगी रमन सिंह सरकार के 15 साल की तरह। उस जमीन में प्लांट लगेंगें। बस्तर के लोगों को रोजगार मिलेगा। बस्तर की भलाई के लिये कोई पहल होने पर रमन सिंह जी को क्यों इतना कष्ट हो रहा है? कांग्रेस की सरकार बस्तर वालों को रोजगार देने के लिये, विकास के लिये कोई भी शुरूआत करती है तो रमनसिंह जी और भाजपा को तकलीफ क्यों होती है ? रमनसिंह खुद तो कुछ नहीं कर पाये। कांग्रेस की सरकार ने अब करने जा रही है तो रमन सिंह को तकलीफ से स्पष्ट है कि रमन सिंह जी का चरित्र बस्तर विरोधी है, विकास विरोधी है छत्तीसगढ़ विरोधी है।