छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
चंडीगढ़ 02 मई 2022। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आप के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उनके कथित बयानों के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर दिए गए बयान के चलते 12 अप्रैल को रोपड़ में दर्ज की गई यह एफआईआर कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन कर की गई है।
कुमार विश्वास ने कहा था कि उनके खिलाफ यह एफआईआर रोपड़ में दर्ज की गई, जबकि उन्होंने इंटरव्यू मुंबई में दिया था। इसके साथ ही यह भी बताया कि इस मामले में बिना किसी जांच जल्दबाजी में एफआईआर दर्ज की गई है। 12 अप्रैल को दर्ज इस एफआईआर की कॉपी दस दिन बाद 22 अप्रैल दोपहर 3 बजे उन्हें दी गई। याची ने कहा कि यह एफआईआर उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है। इस प्रकार दर्ज की गई एफआईआर साफ तौर पर राजनीतिक रंजिश का नतीजा है। कुमार विश्वास सहित केजरीवाल से जुड़े मामलों में पैरवी के लिए पंजाब सरकार ने सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली को नियुक्त किया है। पंजाब के एडवोकेट जनरल की एक पूरी टीम मौजूद होने के बावजूद पंजाब सरकार ने इन मामलों की पैरवी के लिए सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली को चुना है।
अलगाववादी तत्वों से आप के जुड़ाव का आरोप लगाया
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब वह लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए आप समर्थकों के साथ गांवों में घूम रहे थे, तो कुछ अज्ञात नकाबपोशों ने उन्हें रोका और उन्हें खालिस्तानी कहा। शिकायतकर्ता ने कहा था, “इस तरह की घटनाएं नियमित रूप से हो रही हैं। यह सब तब शुरू हुआ, जब विश्वास ने आप संयोजक केजरीवाल के खिलाफ समाचार चैनलों/सोशल मीडिया मंचों पर अलगाववादी तत्वों से आप के जुड़ाव का आरोप लगाते हुए भड़काऊ बयान दिया।”