छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 03 मार्च 2024। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर जातीय हिंसा के दौरान बिष्णुपुर पुलिस शस्त्रागार से हथियार और गोला-बारूद की लूट के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। सीबीआई ने हाल में असम के गुवाहाटी में कामरूप (मेट्रोपोलिटन) में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष अपना आरोप पत्र दाखिल किया। लैशराम प्रेम सिंह, खुमुकचम धीरेन उर्फ थपकपा, मोइरंगथेम आनंद सिंह, अथोकपम काजीत उर्फ किशोरजीत, लौकराकपम माइकल मंगांगचा उर्फ माइकल, कोंथौजम रोमोजीत मेइती उर्फ रोमोजीत और कीशम जॉनसन उर्फ जॉनसन आरोप पत्र में नामजद आरोपी हैं।
124 हथगोले सहित अन्य हथियार लूटे
भीड़ ने पिछले साल तीन अगस्त को बिष्णुपुर के नारानसीना में द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन मुख्यालय के दो कमरों से 300 से अधिक हथियार, 19,800 गोला-बारूद और अन्य सामान लूट लिया था। अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ ने 9,000 कारतूस, एके श्रृंखला की एक असॉल्ट राइफल, तीन ‘घातक’ राइफल, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफल, पांच एमपी-4 बंदूक, 16.9 एमएम की पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन, 124 हथगोले सहित अन्य हथियार लूट लिए थे।
हिंसा में 219 से ज्यादा लोगों की मौत
चुराचांदपुर की ओर मार्च करने के लिए लोगों की भीड़ नारानसीना में इकट्ठा हुई थी, जहां आदिवासी, राज्य में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में मारे गए समुदाय के लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना बना रहे थे। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में पिछले साल तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। इसके कारण तब से अब तक 219 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।