छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 10 दिसंबर 2023। भारत और चीन के बीच लंबे अरसे से सीमा विवाद जारी है। सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच कई बार संघर्ष भी हो चुके हैं। इस बीच विदेश मंत्री का कहना है कि उत्तर सीमाओं पर कठिन चुनौतियां हैं। हमने मजबूती के साथ इसका जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को बताया कि कैसे नरेंद्र मोदी सरकार आत्मविश्वास के साथ एक के बाद एक फैसले लेती है, फिर चाहे वह कितना भी कठिन और मुश्किल क्यों न हो। उन्होंने कहा कि यह हमारी सीमा पर भी हो सकता है। हमें सीमाओं के मामले में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तैनात हैं। भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में तीन वर्षों से अधिक समय से तैनात हैं। वे टकराव की स्थिति में हैं। हमने राजनयिक और सैन्य वार्ताओं के बाद कई क्षेत्रों से अब सैनिकों को वापस बुला लिया है। हमने वैश्विक संकट कोविड के दौरान भी भारत की संकल्प शक्ति देखी।
आतंकवाद के कारण हमसे अधिक कोई समाज आहत नहीं
जयशंकर ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरुकता पैदा की। पूरी दुनिया इसे लेकर हैरान है लेकिन हम वहीं करते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है फिर चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। आतंकवाद के मामले में हमसे अधिक कोई भी समाज आहत नहीं है। हम कच्चे तेल की खरीद में राष्ट्रीय हितों से प्रेरित था। यूक्रेन संघर्ष के दौरान पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीदी जारी रखी। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दुनिया हमें विकास के मजबूत क्षेत्र के रूप में देखती है। हमने अब तक कई बड़े फैसले लिए हैं। हम अब भी कड़े फैसले लेने के लिए तैयार हैं। हमें अब भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।
पिछले पांच वर्ष विश्व के लिए सबसे खतरनाक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले पांच वर्ष दुनिया के लिए सबसे खतरनाक थे। इस दौरान कोविड-19 आया, जहां अपने ही अपनों से दूर हो गए। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अफगानिस्तान के हालात, रूस-यूक्रेन और इस्राइल-हमास के बीच संघर्ष के कारण दुनिया ने बहुत कुछ झेला है।