छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 10 दिसंबर 2023। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते दायरे और समुदायों में बढ़ती असहिष्णुता की वजह से दुनियाभर में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है और भारत इससे अछूता नहीं है। सीजेआई ने जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह में कहा कि भारत की बहुलवादी संस्कृति और संवाद का माहौल इसे कई उन देशों से अलग बनाता है, जिन्हें उसी अवधि में आजादी मिली थी लेकिन वे लोकतंत्र को बरकरार नहीं रख सके।
भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों को 75 साल पहले औपनिवेशिक शासन से आजादी मिल गई थी, लेकिन उनमें से कई वास्तविक स्वशासन को प्राप्त करने में नाकाम रहे, जबकि भारत अपने लोकतंत्र को बनाए रखने में सक्षम रहा। उन्होंने कहा कि वैश्वीकृत दुनिया में आज हम जो ध्रुवीकरण देख रहे हैं, वह दाएं और बाएं तथा मध्य के बीच ध्रुवीकरण है, जो हम दुनियाभर में अनुभव करते हैं। भारत कोई अपवाद नहीं है।
कानून भलाई और मनमानी दोनों का स्रोत
सीजेआई ने कहा कि ध्रुवीकरण केवल मुक्त बाजारों और प्रौद्योगिकी का परिणाम नहीं है, बल्कि व्यापक लक्ष्य के लिए आत्म बलिदान के वास्तविक मूल्य को पहचानने में समाज की असमर्थता का कारण भी है। उन्होंने समाज में आत्म बलिदान के मूल्य को समझने के महत्व पर जोर दिया, विशेष रूप से समाज के भीतर हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए बेहतर भविष्य की खोज में। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जहां कानून अत्यधिक भलाई का स्रोत हो सकता है, वहीं यह मनमानी का भी स्रोत हो सकता है। उन्होंने कहा कि कानून का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसका उपयोग कौन करता है और यह उन सामाजिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जिनमें इसे लागू किया जाता है।
हम दूसरों की बात नहीं सुन रहे, यही हमारे समाज की सबसे बड़ी समस्या
सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड) विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि दूसरों को सुनने की शक्ति जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। दूसरों को वह स्थान प्रदान करना अत्यधिक मुक्तिदायक है। हमारे समाज के साथ समस्या यह है कि हम दूसरों की बात नहीं सुन रहे हैं, हम केवल अपनी ही सुन रहे हैं। उन्होंने दूसरों की बात सुनने का साहस करने का आग्रह किया।
नई समझ प्रदान करने का मौका
सीजेआई ने कहा कि सुनने का साहस होने से व्यक्ति यह स्वीकार करता है कि उसके पास सभी सही उत्तर नहीं हो सकते हैं, लेकिन वह उन्हें तलाशने और खोजने के लिए तैयार है। यह हमारे बंधनों को तोड़ने और हमें हमारे आसपास की दुनिया की एक नई समझ प्रदान करने का भी मौका देता है। जीवन का हमें सिखाने का एक अनोखा तरीका है। इस यात्रा में विनम्रता, साहस और सत्यनिष्ठा को अपना साथी बनाएं। सीजआई ने कहा कि सफलता को न केवल लोकप्रियता से मापा जाता है, बल्कि उच्च उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता से भी मापा जाता है। लोगों को स्वयं के प्रति दयालु होना चाहिए और अपने अस्तित्व पर कठोर नहीं होना चाहिए।