इस संगठन ने दी आज बैरिकेड तोड़ने की चेतावनी, अधिकारियों ने आनन-फानन में कर्फ्यू लगाने का दिया आदेश

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

इंफाल 06 सितम्बर 2023। मणिपुर में मई से ही हिंसा जारी है। ऐसे में सरकार लगातार हालातों को सामान्य करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। इसी क्रम में, राज्य के सभी पांच घाटी जिलों में मंगलवार शाम से एहतियात के तौर पर पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इंफाल स्थित कई नागरिक समाज संगठनों की एक प्रमुख संस्था मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) के आह्वान के मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू में दी गई ढील को वापस ले लिया गया है। यहां फिर से सख्ती की गई है। यहां पर पूर्ण रूप से कर्फ्यू लगा दिया गया है। 

बैरिकेड तोड़ने के लिए लोगों से कहा
दरअसल, सीओसीओएमआई की महिला शाखा ने बुधवार को घाटी के जिलों के सभी हिस्सों के लोगों से चुराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड को हटाने को कहा है। बता दें, पहले सभी जिलों में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में छूट दी गई थी।

जल्दबाजी में बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस
बैरिकेड तोड़ने की जानकारी सामने आने पर सरकार के प्रवक्ता और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन ने तुरंत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने कहा कि सरकार की सीओसीओएमआई से अपील है कि वह छह सिंतबर को तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड पर हमला करने की अपनी प्रस्तावित योजना को वापस ले लें। साथ ही उन्होंने सभी से सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा कदमों का समर्थन करने का भी अनुरोध किया।

इन लोगों को छूट

अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, मीडिया, अदालतों के कामकाज और उड़ान यात्रियों जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों को आवाजाही के लिए कर्फ्यू से छूट दी जाएगी।

सरकार होगी जिम्मेदार

सीओसीओएमआई के मीडिया समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने कहा कि समिति ने पहले सरकार और संबंधित अधिकारियों से 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का आग्रह किया था। लोगों से बैरिकेड तोड़ने का आग्रह करते हुए थोकचोम ने कहा कि अगर कुछ भी अप्रिय होता है तो राज्य सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

लोग नहीं जा पा रहे अपने घर

स्थानीय लोगों ने कहा कि फौगाचाओ इखाई में लगे बैरिकेड के कारण वे टोरबुंग में अपने आवासों पर नहीं जा पा रहे हैं। दरअसल, जब हिंसा भड़की थी तो लोग टोरबुंग छोड़कर दूसरी जगह रहने आ गए थे। 

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