छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बेंगलुरु 17 जून 2023। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार के समय लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि कर्नाटक कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने पर मुहर लगा दी है और जल्द ही इस प्रस्ताव को विधानसभा में लाकर पास कराया जाएगा। इस फैसले के बाद भाजपा, कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कांग्रेस को घेरा है और कहा कि समाज की रक्षा के लिए सीधी कार्रवाई की जरूरत है।
क्या बोले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव
सीटी रवि ने कहा कि ‘जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए भाजपा सरकार में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया था। आज कांग्रेस की सरकार जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है और एक तरह से उन लोगों को लाइसेंस दे रही है, जो लोगों को धर्मांतरण के लिए लुभाते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। सीटी रवि ने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर साधुओं से बात की है कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह हिंदू समाज की रक्षा करें। मैंने अपील की है कि कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ महापंचायत बुलाई जाए। समाज की रक्षा के लिए सीधी कार्रवाई करने की जरूरत है।’
क्या थे धर्मांतरण विरोधी कानून के प्रावधान
कर्नाटक के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव और प्रलोभन या जबरन एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन कराना गैरकानूनी करार दे दिया गया था। इस कानून के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानती थे, साथ ही इसमें सख्त सजा के भी प्रावधान थे। इस कानून में दोषी पाए गए व्यक्ति को 25 हजार रुपए के जुर्माने और तीन से पांच साल की कैद की सजा का प्रावधान था। साथ ही नाबालिग, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का जबरन या लालच से धर्म परिवर्तन कराने पर तीन से 10 साल की कैद और 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान था।