छत्तीसगढ़ रिपोर्टरकोरिया ( सरगुजा) – परंपरागत खेती के साथ गौ पालन एक अच्छा व्यवसाय बन सकता है। इसके लिए सभी किसान अपने घरों में कम से कम दो गाय जरूर पालें। इससे उनके परिवार को अच्छा पोषण भी मिलेगा और एक अतिरिक्त आय का स्रोत भी बन सकेगा । विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर उक्ताशय के विचार जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी डाॅ आशुतोष चतुर्वेदी ने गुरूवार को गौपालको से चर्चा के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर पषुपालन विभाग कोरिया द्वारा ग्राम पंचायत मझगंवा के गोठान में कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां पषुपालकों के मुफ्त दवाएं प्रदान की गईं और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के तरीके के बारे में बताया गया। पषुपालकों और किसानों को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सीइओ डाॅ आशुतोष ने कहा कि प्रत्येक किसान जो धान गेंहूं की खेती करते हैं वह सभी आसानी से एक या दो दुधारू पषु पालन कर सकते हैं। उपज के बाद जो सूखा चारा बचता है उससे पशुओं के चारे के तौर पर उपयोग करें, इससे उनके परिवार में कम से कम 10-12 लीटर दूध आसानी से प्राप्त हो सकेगा। घरेलू उपयोग के बाद भी वह अच्छी मात्रा में दूध बाजार में बेच सकते हैं जिससे पशुपालन का खर्च भी निकल जाएगा और उन्हे प्रतिदिन एक निश्चित आय भी होने लगेगी। सीइओ डॉ आशुतोष ने कहा कि दूध के साथ उसके सह उत्पाद भी बाजार में हाथों हाथ बिकते हैं इसलिए आप इसे व्यावसायिक तौर पर करें तो काफी लाभ की संभावनाएं हैं। कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा पचास प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू पशु पालने की योजना लाई गई है। उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और जो वास्तविक तौर पर दुग्ध उत्पादन की ओर आगे आना चाहते हैं उन्हे प्रोत्साहित भी करें।
विष्व दुग्ध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की शुरूवात छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र के समक्ष पूजा अर्चना से की गई। इसके बाद वेटनरी डाॅ विमल पटेल ने विष्व में दुग्ध उत्पादन के साथ पूरे देश व छत्तीसगढ़ प्रदेश में दूध के उत्पादन और मांग के सबंध में आंकड़े बताए और उपस्थित किसानों से दुधारू पशु पालन को व्यवसाय की तरह प्रारंभ करने का आह्वान किया। डा पटेल ने बताया कि जिले के अन्य गौठानों में भी आज आयोजन किए जा रहे हैं और दुग्ध उत्पादकों को सम्मानित किया जा रहा है। साथ ही गोठान में किसानों के पशुओं के उपचार के साथ उन्नत किस्म के कृत्रिम गर्भाधान से नस्ल सुधार भी किया जा रहा है। साथ ही स्थानीय स्तर पर कम मात्रा में दूध देने वाले पशुओं के बधियाकरण की भी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। ग्राम गौठान में पशुपालन विभाग द्वारा एक दर्जन दुग्ध उत्पादक किसानों व महिलाओं का सम्मान भी किया गया। इस आयोजन में ग्राम पंचायत के उपसंरपंच देवनारायण साहू, पशुपालन विभाग से डाॅ वंदिता मिश्रा, डाॅ शुभम वर्मा सहित अन्य स्टाफ, ग्राम पंचायत सचिव व स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।