जयशंकर ने कश्मीर पर बिलावल भुट्टो को दिया करारा जवाब: 370 इतिहास, नींद से उठिए और सच को स्वीकार करिए

शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

नई दिल्ली 06 मई 2023। भारत और पाकिस्तान ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में एक-दूसरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी पर ‘‘आतंकवाद उद्योग का प्रवर्तक, उसे उचित ठहराने वाला और एक प्रवक्ता” होने का आरोप लगाया। जयशंकर ने एससीओ बैठक में भाग लेने भारत आए पाकिस्तानी विदेश मंत्री को तब आड़े हाथों लिया जब इससे पहले बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत पर निशाना साधते हुए ‘‘कूटनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार” के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान किया। इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर बिलावल के बयान से अनजाने में एक मानसिकता का खुलासा हुआ है। 

अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर जयशंकर की बिलावल को दो टूक-  नींद से उठिए और सच को स्वीकार करिए
जयशंकर ने कहा कि दुनिया के सामने मौजूदा संकटों ने वैश्विक संस्थाओं की समयबद्ध और प्रभावी तरीके से चुनौतियों का प्रबंधन करने की क्षमता में विश्वसनीयता और भरोसे की कमी को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि एससीओ में सुधार और आधुनिकीकरण अधिक समकालीन दृष्टिकोण प्रदान करेगा जिसका भारत सक्रिय रूप से समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के परिणामस्वरूप आज दुनिया अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है और इन घटनाक्रम ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को अवरुद्ध कर दिया है। 

जयशंकर ने कहा, ‘‘हालांकि, ये चुनौतियां एससीओ के सदस्य देशों के लिए सामूहिक रूप से सहयोग करने और उनके समाधान का एक अवसर भी हैं। एससीओ के भीतर दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी के साथ, हमारे सामूहिक निर्णय का निश्चित रूप से वैश्विक प्रभाव होगा।” जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘‘यह इतिहास है। नींद से उठिए और सच को स्वीकार करिए।” 

सेना के पांच जवानों की शहादत पर आक्रोश 
उन्होंने कहा कि बिलावल से एससीओ सदस्य राष्ट्र के एक विदेश मंत्री के अनुरूप व्यवहार किया गया। बिलावल पर जयशंकर का पलटवार ऐसे वक्त किया गया जब जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों की शहादत पर आक्रोश है। पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने पर जयशंकर ने कहा कि उसकी विश्वसनीयता इस मामले में उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज गति से गिर रही है। 

मानो हम एक ही नाव पर सवार हैं
यह पूछे जाने पर कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो सकती है, जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद के शिकार लोग आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं।” जयशंकर ने कहा, ‘‘आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद के कृत्यों का मुकाबला करने के लिए अपना बचाव करते हैं। वे इसे अवैध ठहराते हैं। और यही हो रहा है। यहां आकर इन पाखंडी शब्दों का इस्तेमाल करना कि मानो हम एक ही नाव पर सवार हैं। मेरा मतलब है कि वे आतंकवादी कृत्य कर रहे हैं।

 जयशंकर ने भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान के समर्थन का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता है। बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए।” सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा और जब दुनिया कोविड-19 महामारी तथा उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। 

सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए
जयशंकर ने बिलावल, चीन, रूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के अपने समकक्षों की मौजूदगी में कहा, ‘‘हमें किसी भी व्यक्ति या देश को सरकार से इतर तत्वों के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए नुकसानदेह होगा। हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता। सीमा पार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए।” विदेश मंत्री ने कहा कि बिलावल एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए और यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा हैं। 

उन्होंने कहा, “इसमें इससे ज्यादा कुछ मत देखिए।” गोवा में भारत द्वारा आयोजित एससीओ सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद सहित सभी तरह के आतंकवाद को रोका जाना चाहिए। वहीं, बिलावल ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन” का मुद्दा उठाया, जिसे कश्मीर के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा गया। एससीओ मानदंड द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं देते हैं और दोनों विदेश मंत्रियों ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया तथा परोक्ष रूप से टिप्पणियां कीं। अपने संबोधन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमें एससीओ के भीतर सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सिद्धांतों के लिए सम्मान सुनिश्चित करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रों का एकतरफा और अवैध कदम उठाना एससीओ के उद्देश्यों के विपरीत है।

 बिलावल ने कहा, ‘‘हमें अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने और अपने लोगों के लिए एक नया भविष्य तैयार करने की दिशा में स्पष्ट होना चाहिए, जो संघर्ष को कायम रखने में नहीं, बल्कि संघर्ष के समाधान पर आधारित हो।” उन्होंने कोई खास संदर्भ नहीं दिया, न ही संदर्भ को स्पष्ट किया, लेकिन उनकी टिप्पणी को कश्मीर पर भारत की नीति के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है। अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई। आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, बिलावल ने परोक्ष रूप से भारत पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कूटनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

अलग-अलग होकर लड़ने के बजाय एकजुट होकर सामना करें
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सरकार से इतर तत्वों को सरकारी तत्वों के साथ जोड़ना बंद करना चाहिए।” पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खतरे से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण की वकालत की और कहा कि यह सदस्य देशों की संयुक्त जिम्मेदारी है। उन्होंने आतंकी हमले में अपनी मां एवं पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के मारे जाने की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं इस विषय पर बोलता हूं, तो मैं न केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में बोलता हूं, जिसके लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है, मैं उस बेटे के रूप में भी बोलता हूं जिसकी मां की हत्या आतंकवादियों द्वारा कर दी गई थी।” बिलावल ने कहा, ‘‘मैं इस नुकसान के दर्द को महसूस करता हूं, दुनिया भर के पीड़ितों के साथ सहानुभूति रखता हूं। मैं और मेरा देश इस खतरे को खत्म करने के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए न केवल व्यापक, बल्कि सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए जरूरी है कि हम इस चुनौती से अलग-अलग होकर लड़ने के बजाय एकजुट होकर सामना करें। हमारी सफलता के लिए हमें इस मुद्दे को भू-राजनीतिक हालात से अलग करके देखने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Next Post

पाकिस्तान को खुफिया सूचनाएं देने वाला डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर बर्खास्त, एटीएस की हिरासत में

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर   पुणे 06 मई 2023। पुणे में डीआरडीओ के एक साइंटिस्ट को पाकिस्तानी एजेंट को सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, महाराष्ट्र एटीएस ने प्रदीप कुरूलकर को पुणे से गिरफ्तार किया है. कुरूलकर डीआरडोओ में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत हैं. आरोप है कि उन्होंने […]

You May Like

झारखंड में भीषण सड़क हादसा; यात्रियों से भरी बस पलटने से सात की मौत, कई घायल....|....हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद संभल की जामा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई, दो रास्ते किए बंद.. आरआरएफ की तैनाती....|....आम आदमी पार्टी की पहली सूची में 11 उम्मीदवारों का नाम....|....'मोदी-अदाणी एक हैं तो सेफ हैं', राहुल गांधी ने गिरफ्तारी की उठाई मांग, प्रधानमंत्री पर भी लगाए आरोप....|....झारखंड में 2019 से ज्यादा मतदान, पहले चरण की सीटों पर 2.9% तो दूसरे पर 1.51% अधिक वोटिंग....|....हसदेव जंगल की अवैध कटाई के दौरान आदिवासी युवक कमलेश सिरदार सहित तीन मजदूरों की मौत के लिए साय सरकार जिम्मेदार....|....भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेलगाम, आम आदमी असुरक्षित....|....भाजपा सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती इसलिए खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था....|....रोमांस से एक्शन तक: नरगिस फाखरी ने छोड़ी अमित छाप....|....टाइगर श्रॉफ के बागी 4 में नए लुक ने होश उड़ाए