छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 फरवरी 2022। केंद्रीय कानून मंत्रालय को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन खरीदने के लिए केंद्रीय बजट में लगभग 1,900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चुनाव आयोग को ईवीएम की खरीद के लिए 1,891.78 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह प्रावधान बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल यूनिट (पेपरट्रेल मशीन) की खरीद और ईवीएम पर सहायक व्यय और अप्रचलित ईवीएम नष्ट करने के लिए चुनाव आयोग को धन उपलब्ध कराने के लिए किया गया है। एक कंट्रोल यूनिट और कम से कम एक बैलेट यूनिट से एक ईवीएम बनती है। इस साल होने वाले कई विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने निर्वाचन आयोग के लिए अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की खरीद को धनराशि के लिए कानून मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
सूत्रों ने तब कहा था कि एक ही प्रकार की और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें, जो वर्तमान में उपयोग में हैं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से खरीदी जाएंगी। ये दो ऐसे सार्वजनिक उपक्रम हैं जो ईवीएम की शुरुआत से ही इनका निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मतदाताओं और मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि के साथ अधिक मशीन की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा था कि जो ईवीएम अपना समय पूरा कर लेती हैं और जो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं उन्हें भी बदलने की जरूरत है। वर्ष 2004 से अब तक चार लोकसभा और 139 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा चुका है। कानून मंत्रालय में विधायी विभाग ईवीएम, चुनाव कानून और संबंधित नियमों सहित निर्वाचन आयोग से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी है।