लक्ष्मी बाई सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का पहला एकेडमिक सेशन 2014-15 में शुरू हुआ था
यूनिवर्सिटी का कामकाज अभी ग्रासलैंड एंड फॉडर रिसर्च इंस्टीट्यूट के कैंपस से चल रहा है
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 29 अगस्त 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया। इस दौरान कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झांसी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
कृषि में आत्म निर्भरता बढ़ाने का लक्ष्य यह भी है कि देश के किसानों को उद्यमी बनाया जा सके। किसान ऑर्गेनिक खेती से जुड़ें। अपने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट को ग्लोबल स्तर के लिए तैयार करें।
आधुनिक तकनीक कृषि से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद कर रही है। इसका एक उदाहरण लगभग 10 राज्यों में हुए टिड्डी दल के हमले के मामले में देखा जा सकता है। इन तकनीकों की मदद से ही सरकार ने टिड्डी दल के हमले से होने वाली क्षति को कम करने में सफलता पाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विद्यालयों में कृषि संबंधित पाठ्यक्रम और उसके व्यवहारिक क्रियान्वयन को लागू करने की आवश्यकता है। हमारा प्रयास है कि गांवों में माध्यमिक विद्यालयों में कृषि को एक विषय के रूप में पेश किया जाए।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के पास झांसी में कृषि महाविद्यालय और उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय है। दतिया में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान और मतस्यकी कॉलेज की स्थापना होनी है। झांसी में विश्वविद्यालय ने स्मार्ट क्लासरूम और उन्नत प्रयोगशालाओं के साथ बहुस्तरीय इमारतों के संदर्भ में एक उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा तैयार किया है, जो नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है।
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान शिक्षा प्रणाली में इस तरह का बुनियादी ढांचा एक अनूठा है। विश्वविद्यालय ने 2014 में कृषि और 2016 में बागवानी एवं वानिकी में स्नातक कार्यक्रम की शुरुआत की थी और 2018 में परास्नातक कक्षाओं में अनुसंधान की शुरुआत की गयी थी। विश्वविद्यालय पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दालों, तिलहन और बाजरा के तीन बीज केंद्र स्थापित हैं। इसके अलावा ईएलपी द्वारा छात्रों को बीज उत्पादन, मशरूम की खेती और वन उत्पादों पर प्रायोगिक शिक्षण दिया जाता है।