छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 25 नवंबर 2022। बिलासपुर जिले से राजस्थान में कमाने खाने गए मजदूरों को बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। जन साहस मजदूर हेल्पलाइन की टीम द्वारा मिली मदद से मजदूर आरोपी के चंगुल से बचकर किसी तरह वापस अपने-अपने गांव लौटे। मजदूरों ने मामले की उच्च अधिकारियों से शिकायत कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। दरअसल, 20 से अधिक मजदूर बिलासपुर कलेक्ट्रेट पहुचें थे। उन्होंने बताया कि काम के सिलसिले में ठेकेदार चंपकलाल से संपर्क किया, जिस पर चंपकलाल ने अजय चंदेल नाम के युवक से राजस्थान के सेठ प्रकाश भाई से फोन पर संपर्क करने के कहा। अजय चंदेल दो-तीन साल पहले उसे दूसरे भट्टे पर काम करते समय मिला था। संपर्क के बाद उसके काम के लिए बुलाने पर छत्तीसगढ़ के कुछ लोग अपने बच्चो के लेकर वहां जाने को तैयार हो गए। इसी साल के सितंबर महीने की 26 तारीख को सभी निकल गए। दो दिन बाद वे ग्राम तिलवाड़ा तहसील जसोल जिला बाड़मेर राजस्थान प्रकाश के पास पहुंचे, वहां पर इन्हें काम के लिए ले जाया गया, लेकिन पांच से छह हफ्ते किसी प्रकार कोई काम नहीं दिया गया।
आरोप है कि सिर्फ खर्च देकर इन मजदूरों को रखा था। इसी दौरान खर्च कम पड़ने पर मजदूरों ने कहा कि काम दो सिर्फ खर्च पर कब तक रहेंगे। मजदूरों ने कहा कि अगर ऐसा ही करना है तो उन्हें वापस दिया जाए। उनकी बात सुनकर मालिक ने ईट बनवाने का काम शुरू कराया। काम चालू होने पर इन मजदूरों से ज्यादा काम लिया गया और मारपीट भी की गई। साथ ही महिलाओं से भी अभद्र व्यवहार करने का आरोप मजदूरों ने लगाया है। इस सब से परेशान होकर सभी मजदूर 17 नवंबर को भट्ठे से भागकर गुजरात चले गए। बताया है कि यहां दो से तीन साल पहले इन मजदूरों ने काम किया था। मजदूरों ने वहां के सेठ से आपबीती बताई, जिसके बाद पुराने सेठ ने मदद करते हुए इन्हें कुछ खर्चा और काम दिया।
मजदूरों के मुताबिक, इस बीच फिर से राजस्थान से सेठ प्रकाश पांच लोगों को लेकर गुजरात पहुंच गया और उन्हें धमकी देते हुए उनके बच्चे को जबरदस्ती गाड़ी में बिठा कर सभी मजदूरों को वापस काम पर लौटने के लिए दबाव बनाने लगा। साथ ही अपने द्वारा दिए गए पैसे को वापस करने पर बच्चे को छोड़ने की बात कहने लगा। इस पर मजदूरों ने जन साहस मजदूर हेल्पलाइन नंबर 18002000211 मे मदद लेकर डायल 100 में कॉल की, तब पुलिस की गाड़ी मौके पर पहुंची, जिसमें पुलिस अधिकारियों ने इन मजदूरों को छुड़वाया। वहीं गुजरात के सेठ ने जो खर्चा मजदूरो को दिया हुआ था। उसी रुपए और जन साहस मजदूर की टीम के माध्यम से वे अपने-अपने गांव वापस पहुंचे। इन लोगों में से 21 मजदूरों ने बिलासपुर कलेक्ट्रेट पहुंचकर उचित कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा।