छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 21 अक्टूबर 2022। नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में हाईकोर्ट जज से मुलाकात के सॉलीसिटर जनरल के आरोप पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि सॉलिसिटर जनरल जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठा व्यक्ति राजनीतिक उद्देश्यों से झूठे और शरारत पूर्ण आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि, मैंने कभी किसी जज से मिलकर किसी भी अभियुक्त के लिए किसी भी प्रकार का फेवर करने का अनुरोध नहीं किया।
राजनीतिक छवि खराब करने का षड्यंत्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि यह उनकी राजनीतिक छवि खराब करने का षड्यंत्र है। वहीं न्याय पालिका पर भी दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका समुचित प्रतिकार किया जाएगा। एक दिन पहले भी ईडी के आरोपों पर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कभी किसी हाई कोर्ट के न्यायाधीश से मुलाकात नहीं की है। इसके बाद अब मुख्यमंत्री की ओर से भी सोशल मीडिया पर कमेंट किया गया।
ईडी ने दिया था व्हॉट्सऐप चैट का हवाला
दरअसल, एक दिन पहले गुरुवार को नान घोटाले में ईडी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। इसमें घोटाले से संबंधित इस पीएमएलए मामले को राज्य के बाहर स्थानांतरित करने की मांग की जा रही थी। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्यमंत्री के एक कथित करीबी सहयोगी के व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया कि एनएएन घोटाले में कुछ आरोपियों को जमानत दिए जाने से दो दिन पहले एक न्यायाधीश ने सीएम से मुलाकात की थी।
क्या है नान घोटाला
छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्लू) ने फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय सहित अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। वहां से करोड़ों रुपये कैश, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कंप्यूटर हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले थे। आरोप था कि, राइस मिलों से लाखों क्विंट घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई। चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार किया गया।