‘भारत और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त‘, इस नारे से ट्रंप फिर भारतवंशियों को लुभाएंगे

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

नई दिल्ली 16 सितंबर 2022। अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के नवंबर में होने वाले मध्यावधि या उपचुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर भारतवंशी वोटरों को लुभाएंगे। इस बार उन्होंने एक वीडियो जारी कर ‘भारत और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त‘ का हिंदी में नारा दिया है। ट्रंप का यह वीडियो रिपब्लिकन हिंदू कोएलिशन (RHC) ने जारी किया है।  वीडियो में ट्रंप इस नारे का अभ्यास करते नजर आ रहे हैं। 30 सेकंड के इस वीडियो में वे शिकागो स्थित कारोबारी व उनके मित्र शलभ कुमार के समीप बैठे नजर आ रहे हैं। 

2016 में गूंजा था ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार‘ का नारा
2016 में अमेरिका में ‘अबकी बार ट्रंप सरकार‘ का नारा गूंजा था। यह काफी चर्चित व कामयाब रहा था। इसी को देखते हुए अमेरिका में प्रभावी  भारतवंशी वोटरों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। ये वोटर कुछ अमेरिकी राज्यों में निर्णायक भूमिका में हैं। शलभ कुमार ने ट्रंप के दोनों नारों ‘अबकी बार ट्रंप सरकार‘ और ‘भारत और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त‘ को गढ़ने अहम भूमिका निभाई है। कुमार ने बताया कि 8 नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकनों के पक्ष में भारतवंशियों का समर्थन हासिल करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप इस नारे को भारतीय मीडिया में प्रचारित करेंगे। 

अमेरिका के राजनीतिक पर्यवेक्षकों और चुनाव सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि रिपब्लिकन पार्टी को प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल करने की सबसे अधिक संभावना है। शलभ कुमार ने कहा कि इस नारे का मुख्य लक्ष्य सीनेट के पांच रिपब्लिकन उम्मीदवारों के लिए भारी समर्थन हासिल करना है, जहां जीत का अंतर 50 हजार वोटों से कम होगा। कुछ जगह मुकाबला 10 से पांच हजार वोट का भी हो सकता है। ये सीनेट के लिए दौड़ पेंसिल्वेनिया, ओहियो, विस्कॉन्सिन, एरिजोना और जॉर्जिया जैसे अमेरिकी प्रांतों में है। यहां हिंदू समुदाय का छोटा वर्ग किसी प्रत्याशी की जीत में बहुत मायने रखता है। हिंदू वोट से फर्क पड़ेगा। यह निर्दलीय वोटरों का सबसे बड़ा थोक है। 

 ट्रंप को जो बाइडन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा
शलभ कुमार और आरएचसी ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। हालांकि, 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में दोनों अलग हो गए और इस चुनाव में ट्रंप को जो बाइडन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। कुमार ने बताया कि उन्होंने इसी साल 21 मार्च को ट्रंप के फ्लोरिड स्थित माए-ए-लागो निवास पर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद भी दोनों की कुछ और मुलाकातें हुई हैं। भारतीय-अमेरिकी कुल अमेरिकी आबादी के एक फीसदी से  थोड़े अधिक हैं। जबकि, पंजीकृत वोटरों में उनकी तादाद एक फीसदी से भी कम है। 

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