छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जम्मू 05 जुलाई 2021। आईईडी के साथ पकड़े गए आतंकी नदीम से पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलर अब आतंकियों को उनका टारगेट लोकेशन का वीडियो बनाकर दे रहे हैं। टारगेट लोकेशन का वीडियो बनाकर पहले पाकिस्तान जाता है और फिर वहां से वापस भेजा जाता है, ताकि इसे पूरा किया जा सके। आतंकी नदीम को जो बैग आईईडी वाला मिला था उस बैग को कहां से लेना था, उसका लोकेशन नदीम के व्हाट्सएप नंबर पर आया था। यह वीडियो पाकिस्तान के एक मोबाइल नंबर से भेजा गया था। यह मोबाइल नंबर वर्चुअल नंबर है, जिसका सिर्फ इंटरनेट से इस्तेमाल किया जाता है।
नदीम के नंबर पर आए इस वीडियो में पूरी लोकेशन थी कि कहां और कैसे आईईडी लेनी है। जब इस वीडियो को खोला गया तो इसमें देखा गया कि एक लोकेशन में पीले रंग का बैग है। उस वक्त पाकिस्तान हैंडलर नदीम से बात कर रहा था। इससे पहले आतंकी व्हाट्सएप पर कॉलिंग के जरिए काम कर रहे थे। लेकिन अब ओजी वर्करों और आतंकियों को जो टारगेट दिया जा रहा है। उसका वीडियो बनाकर भेजा जा रहा है।
बनिहाल में हुई थी तीनों की मुलाकात
यह भी खुलासा हुआ है कि बाद में पकड़े गए दो अन्य आतंकियों की मुलाकात आतंकी नदीम से बनिहाल में हुई थी। नदीम उल हक को पाकिस्तान में बैठे हैंडलर ने बताया था कि उसको शोपियां के रहने वाले नदीम आयूब और बनिहाल के रहने वाले तालिब उर रहमान से मिलना है। इन तीनों को मिलकर जम्मू के धार्मिक स्थानों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में आईईडी से हमला करना था। सबसे पहले नदीम जम्मू पहुंचा। आईईडी मिलने के बाद नदीम अन्य दोनों को जम्मू बुलाता और इसके बाद सीरियल ब्लास्ट किए जाते। लेकिन इसके पहले ही इसे पकड़ लिया गया।
मिलने थे हथियार, फिर लश्कर में शामिल
जानकारी के अनुसार इन तीनों को पहले जम्मू में आतंकी हमले करने का टारगेट दिया गया थे। इसके बाद वापस जाकर आतंकी संगठन लश्कर में शामिल होना था। तीनों को अनंतनाग, शोपियां और बनिहाल में सक्रिय आतंकी बनकर तंजीम में शामिल होना था।
पाकिस्तान से भेजी गई आईईडी
सूत्रों का कहना है कि बठिंडी में मिली पांच किलो आईईडी पाकिस्तान से भेजी गई थी। संभव है कि यह आईईडी ड्रोन से भेजी गई। साथ ही इसको एक ओजी वर्कर ने बठिंडी तक पहुंचा दिया। इस ओजी वर्कर की भी पुलिस को तलाश है।
खुलासा : छोटे ड्रोन से रेकी, बड़ों से हमले और सप्लाई
पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन साजिश के तहत ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। दो तरह के ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्वॉडकॉप्टर और हेक्साकॉप्टर ड्रोन इस्तेमाल हो रहे हैं। क्वॉडकॉप्टर से सीमा पार की रेकी कराई जा रही है और हेक्साकॉप्टर से हथियारों की सप्लाई। साथ ही हमला भी किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार क्वॉडकॉप्टर ड्रोन चार स्टैंड वाला होता है और इसमें कुछ वजन उठाने की क्षमता नहीं होती। या फिर इससे एक-दो किलो वजन ही उठा सकता है, जबकि हेक्साकॉप्टर ड्रोन छह स्टैंड वाला होता है, जिसमें पांच से 10 किलो सामग्री उठाने की क्षमता रहती है। लिहाजा पाकिस्तान पहले छोटे ड्रोन से उन इलाकों की रेकी करा लेता है, जिस जगह पर सप्लाई करनी होती है। रेकी करने के बाद एक रूट बना लिया जाता है। इसी रूट को सप्लाई के लिए बड़ा ड्रोन इस्तेमाल किया जाता है। पिछले कुछ समय से ऐसा ही हो रहा है। पहले छोटे ड्रोन से रेकी कराई जा रही है और इसके बाद इसकी जानकारी लेकर बड़े ड्रोन से सप्लाई।