छत्तीसगढ़ रिपोर्टर / मो. साजिद खान
एमसीबी ( सरगुजा) — चुनाव में जीत हार तो लगी रहती है। पार्टियां अलग-अलग तरह के कई सर्वे करा कर सर्वे ऐजेंसियों पर ही न जाने कितने रूपए खर्च कर देती होंगी ! फिर भी चुनाव में जीत एक ही की होती है और बाकियों को हार का सामना करता पडता है। इसमें पैरासूट प्रत्याशी कई बार सफल भी होते हैं और कई बार असफल भी हो जाते हैं।
जमीन यदि बंजर है तो वहां खेती करना बेवकूफी भी साबित होती है। लेकिन यदि जमीन समयानुसार खेती करने लायक हो चुकी हो तो सफलतम खेती की जा सकती है। तब इस जमीन पर पैरासूट से उतर खेती की जाए अथवा जमीन पर चलने वाला खेती करें। फसल जरूर होगी।
भरतपुर-सोनहत विधानसभा में कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। कांग्रेस का दावा है कि भरतपुर-सोनहत विधानसभा में भरपूर विकास हुआ है। इधर गोंगपा फिर से अपने तरिके से दमदारी से चुनावी मैदान में है। जबकि अभी तक अंदर और बाहर के चक्कर में भाजपा का कोई भी प्रत्याशी मैदान में नही उतारा गया है।
भरतपुर-सोनहत की पूर्व विधायक चंपादेवी पावले ने मीडिया से कहा कि कार्यकर्ताओं की भावना है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि अपने भरतपुर-सोनहत विधानसभा के अंदर का ही प्रत्याशी हो। मै कार्यकर्ता की भावनाओं का सामना करती हूं और कार्यकर्ताओं के साथ मै भी हूं। हम भी चाहते हैं कि भरतपुर-सोनहत के अंदर से ही प्रत्याशी हो।
सवाल उठता है कि क्या यह बात पूर्व विधायक ने पार्टी मीटिंग में रखी होगी ? जो बात उन्होने मीडिया के सामने कही है ? क्योंकि राजनीतिक हल्कों से सुनने में आ रहा है कि भाजपा इस बार भरतपुर-सोनहत विधानसभा से सांसद रेणुका सिंह को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है।