छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 23 अक्टूबर 2021। यूपी गेट पर किसानों की ओर से झोपड़ी हटाए जाने के बावजूद रास्ता नहीं खुला है। अब भी एनएच-24 की सर्विस रोड बंद है और लोगों को गाजियाबाद से दिल्ली और नोएडा जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। बदले हुए रास्ते से ही दिल्ली तक पहुंचना पड़ रहा है। हर दिन दिल्ली पहुंचने के लिए लोगों को जाम जैसी मुसीबतों से सामना करना पड़ रहा है। यूपी गेट पर अभी भी तीन स्तरीय बैरिकेडिंग लगी हुई है। बैरिकेडिंग के बीच में किसानों की झोपड़ी भी लगी हैं। पिछले साल 26 नंवबर से यह स्थिति बनी हुई है। इससे हजारों लोगों का रास्ता प्रभावित हो रहा है।
गाजियाबाद, नोएडा आदि क्षेत्रों से काफी लोग दिल्ली की ओर रुख करते हैं। फिर शाम को अपने घरों को भी पहुंचते हैं, लेकिन लोगों को दिल्ली, नोएडा आदि आवागमन में परेशानी आ रही है। हर दिन दिल्ली आवागमन करने वाले लोगों को बदले हुए रास्तों का प्रयोग करना पड़ रहा है। यहां जाम की समस्या से जूझकर मुसीबत उठानी पड़ रही है। जहां पहले नोएडा से दिल्ली का सफर 20 मिनट का होता था, वहीं सफर अब घंटों में बदला हुआ है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से किसानों ने अपनी झोपड़ी खाली कर साफ संकेत दे दिया है कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका हुआ है।
यूपी गेट पर लगे बैरिकेडिंग पर शुक्रवार को किसानों ने लिख दिया कि बैरिकेडिंग के लिए सरकार जिम्मेदार है। वहीं सर्विस रोड सहित रास्ते नहीं खुलने से लोगों की परेशानी बरकरार है। यूपी गेट पर शुक्रवार सुबह किसानों की आवाजाही सामान्य ही रही। आंदोलनकारी किसान अपने टेंटों के आगे रास्ता खुलने को लेकर भी चर्चा करते नजर आए। बैरिकेडिंग लगाने को लेकर सरकार पर निशाना भी साधा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रास्ता खोलने को लेकर कहा कि हमारे हाथ में कुछ नहीं है। हमारी तरफ से कोई रास्ता बंद नहीं है। उन्होंने किसानों के साथ-साथ स्वयं भी बैरिकेडिंग पर लिखा कि रास्ता खोला जाए।