छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 05 जुलाई 2021। एडीजी जीपी सिंह पर छापे की प्रारंभिक कार्रवाई के बाद एसीबी ने 1000 पन्नों के दस्तावेज जब्त किए हैं। इन पन्नों में अघोषित और बेमानी संपत्ति का रिकॉर्ड छिपा है। एक-एक पन्ने को खंगाल कर यह पता लगाया जाएगा की मकान और प्रॉपर्टी जिनके नाम पर है उन्हें यह किसने खरीद कर दी। इतनी कीमती प्रॉपर्टी और मकान खरीदने के लिए उनकी आय का स्रोत क्या था। बेमानी प्रॉपर्टी जिनके नाम पर है, उनका एडीजी से क्या कनेक्शन है? अगर कोई कनेक्शन नहीं है तो उनकी प्रॉपर्टी के दस्तावेज एडीजी के बंगले में कैसे रखे थे। एसीबी एडीजी के एचयूएफ फंड में आई रकम का लिंक तलाश करेगी। इसके लिए सोमवार से मनी ट्रेल स्टार्ट किया जा रहा है। मनी ट्रेल के जरिए यह पता लगाया जाएगा की एडीजी सिंह के पारिवारिक एचयूएफ फंड में लाखों रुपए कहां से आए? अब तक की जांच में एसीबी को ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चल रहा है एडीजी के एचयूएफ फंड में ही सबसे ज्यादा पैसों का ट्रांजैक्शन हुआ है। एचयूएफ फंड में पैसा आने के बाद ही उसे खर्च किया गया है।
एसीबी को जो इनपुट मिला है उसके अनुसार शैल कंपनियों में काली कमाई का ट्रांजैक्शन कर उसे वाइट मनी में तब्दील करने के लिए एचयूएफ फंड में ट्रांसफर किया गया है। मनी ट्रेल के दौरान यह पता लगाया जाएगा शैल कंपनियों में किस के अकाउंट से पैसा आया है। उसे अकाउंट का पता लगाने के बाद मनी ट्रांजैक्शन की पूरी चेन का पता चलेगा। यह भी पता चलेगा काली कमाई को वाइट करने के लिए किन किन खातों का उपयोग किया गया। खाता जिनके नाम पर हैं उन तक पहुंचने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि उन्हें किसने शैल कंपनियों में पैसे निवेश करने के लिए दिए थे।
कई दस्तावेजों पर नहीं किए हस्ताक्षर
शनिवार की रात छापे की कार्रवाई खत्म होने के बाद जब एसीबी ने दस्तावेजों को जब्त करने के साथ एडीजी सिंह से हस्ताक्षर करवाए तो उन्होंने 11 दस्तावेजों का बारीकी से परीक्षण करने के बाद अपने सिग्नेचर किए। जिन दस्तावेजों में बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी थी उन्होंने उस पर हस्ताक्षर नहीं किया। साफ-साफ इनकार करते हुए कहा यह उनके नहीं है। पुलिस अब उन दस्तावेजों की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच करवाएगी।
अघोरी बाबाओं की सूची
दस्तावेजों के साथ अघोरी बाबाओं की सूची मिली है। सूची में 2 दर्जन से अधिक बाबाओं के नाम नाम और उनका मोबाइल नंबर है। ज्यादातर अघोरी बाबा दूसरे प्रदेशों के हैं। जानकारों के अनुसार बाबाओं के नाम के आगे उनकी खूबियां भी लिखी हैं कि वह किस तरह जादू-टोना कर सकते हैं।
डायरी बरामद करने के लिए गटर में कूदना पड़ा था
एसीबी की टीम को जीपी सिंह की डायरी बरामद करने के लिए गटर में कूदना पड़ा था। बताते हैं कि छापा मारने गई टीम को घर के भीतर प्रवेश करने के लिए 45 मिनट तक इंतजार करवाया गया था। उसी दौरान कागजात और डायरी को घर के पीछे के गटर में नाले में फेंक दिया गया था। इस डायरी को निकालकर एसीबी की टीम ने गवाहों के समक्ष जब्ती बनाई है। इसी डायरी में शासन और पुलिस मुख्यालय के कई प्रमुख अफसरों के खिलाफ अलग-अलग टिप्पणियां मिली हैं। इसमें एक विवादास्पद अफसर को उन्होंने कोड वर्ड में टकला अफसर लिखा है।
आज होगी लॉकरों की जांच
एडीजी जीपी सिंह के घर पर मिले दस्तावेजों व बैंक खातों की जांच में आधा दर्जन लॉकर होने का खुलासा हुआ है। ये लॉकर अलग-अलग कई बैंकों में है। सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी इन लॉकर की जांच करेंगे। अधिकारियों को उम्मीद है कि लॉकर में सोने-चांदी के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज भी मिल सकते हैं। इसके अलावा सभी बैंक खातों को सीज करने के लिए भी एसीबी की ओर से बैंक प्रबंधन को पत्र लिखा जाएगा। एडीजी का एक एचयूएफ का भी लॉकर मिला है। उनके कुछ करीबियों के नाम से प्रॉपर्टी का दस्तावेज मिला है। इसमें दो फार्महाउस भी बताया जा रहा है। एडीजी के यहां डेढ़ दर्जन से ज्यादा लैपटॉप और कंप्यूटर सिस्टम मिला है। उनकी सायबर एक्सपर्ट के माध्यम से जांच की जा रही है। एडीजी के अधिकारियों मुताबिक कई ऐसे दस्तावेज मिला है, जिससे साबित होता है कि एडीजी काले धन को एक नंबर करते थे। अपने रसूखदार मित्रों के माध्यम से उन पैसों को निवेश करते थे।