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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रांची 24 फरवरी 2022। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें अभी कम नहीं होने वाली हैं। 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद इस समय वह रांची के राजेंद्र प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में इलाज करा रहे हैं। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) इस घोटाले में शामिल लोगों द्वारा कमाई गई संपत्तियों को जब्त कर सकती है। लालू यादव को हाल ही में चारा घोटाले के पांचवें मामले के संबंध में विशेष सीबीआई अदालत ने पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। यह मामला डोरांडा कोष में 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से संबंधित था। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि जरूरी कार्रवाई के लिए फैसले, एफआईआर और आरोपपत्र की प्रति ईडी को उपलब्ध कराई जाए।
विशेष सीबीआई अदालत ने 21 फरवरी को दिया था आदेश
21 फरवरी के अपने आदेश में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि ने कहा था कि पता चला है कि इस मामले में दोषियों और मृत आरोपियों द्वारा बनाई संपत्तियों की पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा था, यह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच का विषय हो सकता है। घोटाला सामने आने के बाद आरोपी जांच का दायरा कम करने की कोशिश कर रहे थे।
अगर कानून अनुमति देता है तो कार्रवाई कर सकती है ईडी
आदेश में कहा गया था, ‘प्रवर्तन निदेशालय यदि चाहे और कानून अनुमति दे तो दोषियों या मृत अभियुक्तों द्वारा गलत तरीके से अर्जित धन से बनाई गई ऐसी संपत्तियों की पहचान और जब्ती के लिए आगे बढ़ सकता है। इस तरह, सीबीआई को इस फैसले, प्राथमिकी और आरोपपत्र आदि की एक प्रति ईडी को उनकी ओर से आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है।’