छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 15 दिसंबर 2021। बीत सात वर्ष में आठ लाख 81 हजार 254 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। सरकार ने संसद में बताया कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पिछले सात वर्षों में 30 सितंबर, 2021 तक 8,81,254 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के नेता कोठा प्रभाकर रेड्डी ने पूछा था कि क्या नागरिकता त्यागने के लिए 60 दिनों की अधिकतम सीमा के दौरान दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करने का प्रावधान किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा आठ के प्रावधानों के तहत नागरिकता नियम, 2009 के नियम 23 के साथ भारत की नागरिकता का त्याग किया जा सकता है। भारतीय नागरिकता के त्याग के लिए ऑनलाइन पोर्टल अगस्त, 2021 में सक्रिय किया है। नागरिकता समाप्त करने के आवेदनों की अंतिम प्रक्रिया ऑनलाइन नागरिकता मॉड्यूल के जरिये पूरी की जाती है।’
कठोर कानून बना अवैध धर्मांतरण पर अंकुश लगे
वहीं राज्यसभा में मंगलवार को धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए भाजपा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने कहा, देश में अवैध धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए। शून्यकाल के दौरान यादव ने कहा, आदिवासी और निर्धन वर्ग के लोगों के धर्मांतरण के लिए ईसाई मिशनरी अभियान चला रहे हैं। ऐसे में कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया, झारखंड के आदिवासी बहुल इलाके में 2001-2011 के बीच आदिवासी हिंदुओं की संख्या 30 फीसदी की कमी आई है।