छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 12 जुलाई 2021। गौतम अडानी अपने एयरपोर्ट कारोबार के साथ पोर्ट कारोबार को एक्सपैंड करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए वो पुडुचेरी के एक बंदरगाह को खरीदने की तैयार कर रहे हैं। अगर डील फाइनल हो जाती हैं तो उनकी उपस्थिति किसी केंद्र शासित राज्य में भी हो जाएगी।
पुडुचेरी में एनडीए की सत्ता आते ही गौतम अडानी के रास्ते यहां के लिए भी खुलते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसका उदाहरण हाल ही में देखने को मिला है। अडानी ग्रूप की पोर्ट कंपनी अब पुडुचेरी में कराईकल बंदरगाह को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। अडानी पोर्ट एसईजेड संभवतः गोवा के बाद किसी अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल में अपनी उपस्थिति स्थापित कर सकती है। अडानी ग्रुप की प्रमुख सब्सीडियरी अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड पुडुचेरी में कराईकल बंदरगाह को करीब 1,500 से 2,000 करोड़ रुपए में खरीदने की तैयारी कर रही है।
मौजूदा समय में मार्ग लिमिटेड की कराईकल बंदरगाह में 45 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, एसेंट कैपिटल एडवाइजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जैकब कैपिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, अफिरमा कैपिटल इंडिया और जीआईपी इंडिया सामूहिक रूप से 44 फीसदी हिस्सेदारी हैं। बाकी 11 फीसदी हिस्सेदारी एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के पास है। जानकारों की मानें तो कराईकल बंदरगाह के साथ सौदा कृष्णापट्टनम और गंगावरम बंदरगाहों की तुलना में बहुत अधिक महंगा हो सकता है। हालांकि, अगर सौदे को अंतिम रूप दिया जाता है, तो एमपीटी गोवा के बाद यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल में अदानी समूह का दूसरा प्रोजेक्ट होगा। एमपीटी में अदाणी समूह की गोवा परियोजना में महज 10 फीसदी हिस्सेदारी है, जो मामूली है। दूसरी ओर, वेदांता और जेएसडब्ल्यू क्रमश: 5 और 6 और 8 और 9 बर्थ चलाती हैं।
गोवा में अडनी ग्रुप की परियोजना को छोड़कर, अन्य बंदरगाहों में इसकी हिस्सेदारी काफी बड़ी है। हाल ही में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने कृष्णापट्टनम बंदरगाह में ग्रुप की शेष 25 फीसदी हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब बंदरगाह का 100 फीसदी स्वामित्व उसके पास है। इसके अलावा, अडानी समूह की गंगावरम बंदरगाह में भी 89.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में राज्य के स्वामित्व वाली शेष 10.4 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के कदम के बाद, अडानी पोर्ट एसईजेड गंगावरम बंदरगाह का भी पूर्ण स्वामित्व हासिल करने की राह पर है।