छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली । कोरोना के खिलाफ जंग में हर देश पूरी ताकत से जुटा हुआ है। कोरोना को मात देने के लिए भारत ने रैपिड टेस्ट किट चीन से मंगवाए लेकिन उस किट के गुणवत्ता पर बड़े सवाल उठे हैं। स्थिति ये है कि हरियाणा सरकार ने चीनी कंपनी को दिए 1 लाख रैपिड किट के ऑर्डर को रद्द कर दिया है । इसी प्रकार राजस्थान ने तो रैपिड किट से जांच तक को रोक दिया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी अगले दो दिनों तक सभी राज्यों को इस किट से जांच रोकने को कहा है। ऐसे में चीन से आए इन किटों पर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या चीन ने जानबूझकर भारत को खराब किट भेजे। कहा तो ये भी जा रहा है कि चीन भारत को और पहले ही किट देने का वादा किया था लेकिन वह किट अमेरिका भेज दिए गए।
तो क्या चीन ने भारत को धोखा दिया है। राजस्थान के स्वास्थ मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि इस किट से कोरोना से पॉजिटिव लोगों के टेस्ट भी निगेटिव आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि चीन ने केवल खराब किट ही भेजे हों कोरोना से जंग के चीन से आई पीपीई किट में खराबी निकली थी। चीन पर सवाल उठे कि उसने भारत को खराब पीपीई किट भेजे। ऐसे में रैपिड टेस्टिंग किट पर कई सवाल उठ रहे हैं।
क्या चीन ने जानबूझकर भारत को खराब किट भेजी?
पहला सवाल है कि क्या चीन ने जानबूझकर भारत को खराब किट भेजी है। चीन ने अपने प्रांत हुबेई में कोरोना से निपटने के बाद पूरी दुनिया को रैपिड टेस्टिंग किट भेज रहा है। भारत ने भी चीन से ये किट मंगवाए। लेकिन यहां किट से मिलने वाले नतीजे गलत निकल रहे हैं। दुनिया के कई अन्य देशों में चीन ने रैपिड टेस्टिंग किट भेजा है लेकिन भारत में जिस तरीके से इस किट के नतीजे गड़बड़ आ रहे हैं ऐसे में चीन पर यह सवाल उठ रहा है क्या उसने जानबूझकर खराब किट भेजी है? हालांकि चीन की तरफ से अभी इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कोरोना के खिलाफ भारत को मोर्चे को कमजोर करना चाहता है चीन?
एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या चीन कोरोना के खिलाफ भारत के मोर्चे को कमजोर करना चाहता है? भारत में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कोरोना के केस कम हैं। भारत ने दुनिया की अन्य देशों की तुलना में बहुत पहले लॉकडाउन को लागू कर दिया था। अभी भी 3 मई तक देश में लॉकडाउन लागू हैं। तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चीन कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर करना चाहता है।
भारत के पहले अमेरिका को किट देने का मकसद?
कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन अमेरिका से पहले भारत को टेस्टिंग किट देने वाला था लेकिन उसने भारत से पहले अमेरिका को ये किट भेज दिए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चीन ने जानबूझकर ऐसा किया। क्योंकि भारत ने शुरुआती दौर में ही ये किट मंगाकर कोरोना को फैलने से रोकने की कोशिश कर रहा था।
भारत समेत कई देशों से शिकायतें
5 अप्रैल तक भारत में चीन से करीब 1.70 लाख PPE किट्स की सप्लाई आई थी, जिनमें से 50 हजार किट्स क्वॉलिटी टेस्ट में खरे नहीं उतरे थे। सूत्र ने बताया, ’30 हजार और 10 हजार PPE किट्स के दो छोटे कंसाइनमेंट्स भी टेस्ट में पास नहीं हो पाए।’ इससे पहले स्पेन और नीदरलैंड्स जैसे देशों में गए चीनी प्रॉडक्ट्स भी क्वॉलिटी पर खरा नहीं उतर पाए थे। चीन को अपना सदाबहार दोस्त मानने वाले पाकिस्तान को चीनी कंपनियों से सबसे बड़ा झटका लगा। उसे चीन ने अंडरवेयर से बने मास्क भेज दिए थे।
PPE किट पर चीन ने दी थी सफाई
खराब PPE किट की खबर आने पर भारत में चीन के दूतावास ने सफाई दी थी और कहा था कि हर देश को सामान आयात करने से पहले कंपनी और उसके प्रॉडक्ट्स की क्वॉलिटी के बारे में पड़ताल कर लेना चाहिए। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता झी रॉन्ग ने कहा कि चीन मेडिकल प्रॉडक्ट्स के निर्यात को बहुत अहमियत देता है। उन्होंने कहा है कि सामान खरीदने वाले देशों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वे सर्टिफाइड कंपनियों से स्टैंडर्ड सामान ही खरीदें।