छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 07 मई 2022। होम आइसोलेशन में मौजूद कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए सरकार की दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम को लोगों ने सफल माना है। ऑनलाइन योग कक्षा में 4600 से ज्यादा संक्रमितों को इसका लाभ हुआ। मुफ्त योग कक्षाओं से संक्रमितों को हुए वास्तविक फायदे की जांच करने के लिए दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी द्वारा आईसीएमआर के सीटीआरआई के तहत अनुसंधान किया गया, जिसमें 92.3 फीसदी लोगों ने माना कि संक्रमण के दौरान योग करने से उन्हें कोरोना के सभी लक्षणों में सुधार देखने को मिला और सांस फूलने जैसी समस्या नहीं हुई।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम एक अनूठी पहल है। यह बेहद खुशी की बात है कि जिस उद्देश्य के तहत कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी वो पूरा हो रहा है और लोगों को इसका फायदा हो रहा है। कार्यक्रम के तहत कोरोना के दौरान संक्रमितों को मुफ्त ऑनलाइन योग कक्षाएं उपलब्ध करवाई गई, जिससे न केवल उन्हें कोरोना से उबरने में मदद मिली, बल्कि उन्हें खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द व सांस फूलना आदि जैसे लक्षणों से भी राहत मिली।
यह रहे नतीजे
- अनुसंधान में शामिल ज्यादातर मरीज 30 से 70 साल के बीच रहे
- 92.3 फीसदी रोगियों ने योग करने से कोरोना के लक्षणों में सुधार को माना
- योग करने से अधिकांश मरीज पांच से सात दिनों के भीतर कोरोना से उबरे
- योग करने वाले केवल 21 संक्रमित ही ले रहे थे कोई दवाई। केवल 26.2 फीसदी का हुआ था टीकाकरण
- ज्यादातर संक्रमितों ने माना योग करने से उन्हें खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द, नींद सांस फूलना आदि से जैसे लक्षण से मिली राहत
- ऑनलाइन योग कक्षाओं ने उनके अकेलेपन को खत्म करने के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करने का किया काम
संक्रमण के दौरान मुझे दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त ऑनलाइन कक्षा में शामिल होकर बहुत अच्छा लगा। योग करने से मेरे फेफड़ों को भी फायदा हुआ और सांस फूलने जैसी समस्या नहीं हुई। मैं दिल्ली सरकार को उनकी इस अनूठी पहल के लिए धन्यवाद करता हूं।
– राजेश, केंद्रीय कर्मचारी शकूरपुर
संक्रमित रहने के दौरान मैंने योग की ऑनलाइन कक्षा में भाग लिया। इस दौरान मुझे अच्छा अनुभव हुआ। प्रशिक्षक बहुत जानकार थे। उन्होंने मेरे सोने के प्रारूप की भी जांच की और मुझे उस पर सलाह दी। मुझे बीपी की समस्या थी, लेकिन योग करने के बाद यह सामान्य हो गया।
– नारायण किनारकर, व्यावसायी महिपालपुर