छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कानपुर 22 नवंबर 2021। वायु मंडल में बढ़ रहा प्रदूषण लोगों के शरीर का ऑक्सीजन लेवल घटा रहा है। इससे सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के रोगियों की जान पर बन आई है। प्रदूषण के कारण सीओपीडी अटैक से दो रोगियों की मौत हो गई। इसके साथ ही एबीजी जांच में खुलासा हो रहा है कि इन रोगियों के शरीर में कार्बन डाई आक्साइड बढ़ जा रही है। हवा प्रदूषित होने के कारण पोस्ट कोविड रोगियों में जटिलताएं बढ़ रही हैं। उन्हें सेकेंडरी संक्रमण हो रहे हैं। सांस रोगियों में प्रदूषण भारी पड़ रहा है। कोविड लॉकडाउन में प्रदूषण कम होने से इन रोगियों को राहत रही है, लेकिन अब दिक्कतें बढ़ गई हैं। नौबस्ता के सीओपीडी रोगी रामलाल (58) और नवाबगंज के आशुतोष वर्मा (61) की मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि एबीजी रिपोर्ट में खून में कार्बन डाई आक्साइड बढ़ी हुई पाई गई। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एसके कटियार और सीनियर चेस्ट फिजीशियन डॉ. राजीव कक्कड़ का कहना है कि सीओपीडी और अस्थमा रोगियों को प्रदूषण के कारण दिक्कत बढ़ रही है। इसके साथ ही पोस्ट कोविड रोगी जिनके फेफड़े सामान्य स्थिति में आ रहे थे, उन्हें भी दिक्कत हो गई है। सांस फूलने के अलावा कुछ रोगियों में निमोनिया की भी परेशानी है। इस स्थिति में बुजुर्ग, बच्चे तथा सीओपीडी और अस्थमा रोगी खास एहतियात बरतें।
ये सावधानियां बरतें
- मेडिकल मास्क लगाकर बाहर निकलें
- जाम से बचें, जब जाम खत्म हो तो वहां से निकलें
- बुजुर्ग, अस्थमा, सीओपीडी रोगी धूप निकलने पर वॉक करें
- जिन क्षेत्रों में अधिक प्रदूषण रहता है, वहां न जाएं
- सांस के रोगी रात में बाहर न निकलें
- अपने डाक्टरों से दवा की डोज दुरुस्त करा लें।