छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 फरवरी 2021। राज्य सभा में शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ कर दिया कि सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को भड़काया जा रहा है। तोमर ने इस दौरान कांग्रेस के युवा सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर भी भड़क उठे और उन्हें कृषि कानूनों पर अगली बार बहस करने से पहले पढ़कर आने की नसीहत दी।
दरअसल, कृषि मंत्री तोमर सदन में कह रहे थे कि तीनों नए कृषि कानून किसानों की भलाई के लिए हैं और उन्हें गलत सूचना पर भड़काया जा रहा है, मंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों को राहत दी गई है कि वो कभी भी अनुबंध से बाहर निकल सकते हैं, जबकि पंजाब सरकार के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में अनुबंध तोड़ने पर किसानों पर जुर्माने और जेल भेजने की बात है।
केंद्रीय मंत्री की इस बात पर दीपेंद्र हुड्डा ने बीच में ही उन्हें टोक दिया. इससे सदन काफी देर तक हल्ला होता रहा. उनमें और मंत्री के बीच बहस होती रही. हुड्डा ने कहा कि वो मंत्री के झूठ पर चुप नहीं बैठेंगे। बाद में कांग्रेस के सदन में नेता गुलाम नबी आजाद ने बीच बचाव करते हुए स्थिति स्पष्ट की कि मंत्री पंजाब के कानून के बारे में कह रहे हैं, जबकि हुड्डा हरियाणा का कानून समझ रहे थे जो उनके पिता और तब के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में बनाया गया था। इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा तो शांत हो गए लेकिन मंत्री ने उन्हें नसीहत दे डाली।
तोमर ने कहा कि अगली बार जब कृषि कानून पर बहस हो तो पढ़कर आना, पिर हमसे बहस करना हम सुनेंगे भी और जवाब भी देंगे। मंत्री ने कहा कि वो पंजाब का कानून दिखा सकते हैं. इसी बीच बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने रूल बुक पढ़कर सदन के नियम का हवाला देते हुए कहा कि जब मंत्री जवाब दे रहे हों तो सदस्य को टोकाटोकी नहीं कर सकते. इसके बाद यह मामला शांत हो गया।