किसान आंदोलन के बीच एक और सौगात
फ्रेट कॉरिडोर के खुर्जा-भाऊपुर सेक्शन का उद्घाटन
यूपी की लोकल इंडस्ट्री, किसानों को होगा फायदा
पंजाब से बंगाल के बीच बन रहा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 29 दिसंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इसका फायदा यह होगा कि कानपुर-दिल्ली रूट पर ट्रेनें लेट नहीं होंगी। मालगाड़ियां भी समय पर पहुंच सकेंगी। मोदी ने ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर की भी शुरुआत की।
मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई ऊंचाई देने वाला है। हम सबसे बड़ा और आधुनिक रेलवे प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते देख रहे हैं। इससे किसानों को भी फायदा होगा।
मोदी के भाषण की अहम बातें –
1. इंफ्रास्ट्रक्चर की ग्रोथ तरक्की के लिए अहम
मोदी ने कहा कि नए फ्रेट कॉरिडोर में मैनेजमेंट और डेटा से जुड़ी टेक्नोलॉजी भारत में ही तैयार की गई है। इंफ्रास्ट्रक्चर की ग्रोथ किसी भी देश का सबसे बड़ा स्रोत है। यह जितनी मजबूत होती है, राष्ट्र का विकास उतनी तेजी से होता है। भारत में बीते छह साल से आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर काम किया जा रहा है। हाईवे हो, रेलवे हो और वॉटर वे हो और आईवे। इन पांचों पहियों को रफ्तार दी जा रही है।
2. नए कॉरिडोर से किसानों को भी फायदा होगा
इस कॉरिडोर से मालगाड़ियों की गति तीन गुना हो जाएगी। दोगुना माल ढोया जा सकेगा। इन ट्रैक पर डबल डेकर मालगाड़ियां चलाई जा सकेंगी। इससे कारोबार बढ़ेगा, निवेश बढ़ेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कारोबारी हो, किसान हो या कंज्यूमर सबको इसका लाभ मिलेगा।
3. पिछली सरकार की वजह से प्रोजेक्ट अटक गया था
2006 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद यह कागजों और फाइलों में ही बनता रहा। केंद्र को राज्यों के साथ जिस अर्जेंसी से संवाद करना था वह हुआ ही नहीं। नतीजा यह हुआ कि काम अटक गया, लटक गया, भटक गया। इसके लिए पैसा भी स्वीकृत हुआ, वह भी सही तरह से खर्च नहीं हुआ। इसका बजट 2014 में 11 गुना बढ़ गया। मैंने स्टेक होल्डर से बात की, समीक्षा की और केंद्र ने राज्य सरकारों को प्रेरित किया।
4. इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, विकास का मार्गदर्शक
जिन पटरियों पर ट्रेन चलानी थी, उस पर निवेश ही नहीं किया गया। रेल नेटवर्क को लेकर वह गंभीरता ही नहीं थी। अब भारत आधुनिक ट्रेनों का निर्माण अपने लिए भी कर रहा है और निर्यात भी कर रहा है। देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, देश के विकास का मार्गदर्शक होता है। राजनीतिक दलों को अगर स्पर्धा करनी ही हो तो क्वालिटी, स्पीड और स्केल की हो।
5. देश की संपत्ति किसी दल की संपत्ति नहीं
मैं एक और मानसिकता का वर्णन करना चाहता हूं। देश में प्रदर्शनों में देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है। यह किसी दल की संपत्ति नहीं है। इसमें देश के गरीब और सामान्य जन का पैसा लगा है। इसलिए हमें राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए। जिस रेलवे को निशाना बनाया जाता है, वह मुश्किल काल में किस तरह देश के काम आती है वह कोरोना काल में दिखा है।
क्या है EDFC?
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी EDFC प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसे मालवाहक ट्रेनों के लिए खासतौर पर बनाया गया है। मतलब इस पर केवल माल गाड़ियां ही दौड़ेंगी। 351 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर न्यू भाउपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन तक है। इसे 5,750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसकी कुल लंबाई 1856 किलोमीटर होनी है। जो पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर हरियाणा, यूपी, बिहार और झारखंड से होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाएगा।
इसके साथ ही केंद्र सरकार 1504 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न कॉरिडोर का भी निर्माण करवा रही है। ये ग्रेटर नोएडा के दादरी से शुरू होकर मुंबई जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बन रहा है। केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में पूरे देश में माल वाहक ट्रेनों के लिए अलग से पटरियां बिछाने का फैसला लिया है।
इससे क्या फायदा होगा?
- कानपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, औरैया, फतेहपुर, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आस-पास लगी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा।
- नॉर्मल रेल लाइन पर दबाव कम होगा और इससे यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
- यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी।
- अनाज और दूसरे सामान समय पर डेस्टिनेशन तक पहुंचाए जा सकेंगे।
प्रयागराज में कंट्रोल सेंटर
पूरे EDFC के लिए प्रयागराज का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर एक कमांड सेंटर की तरह काम करेगा। ये सेंटर दुनिया भर में इस तरह के सबसे बड़े स्ट्रक्चर में से एक है। इसमें आधुनिक इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया है। यह बिल्डिंग ईको फ्रेंडली है।